लखनऊ : तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें एसकेएम आगे की रणनीति पर विचार करेगा.
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती तथा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से यहां आने की अपील की है.
उन्होंने 'चलो लखनऊ-चलो लखनऊ' नारे के साथ रविवार को ट्वीट किया, 'सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली एवं बनावटी हैं. इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है. कृषि एवं किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा.'
इस संदर्भ में भाकियू की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने रविवार को कहा, 'प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कब कानून बनाएंगे.'