चंडीगढ़ :तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत करने के बाद किसान आज हरियाणा में डटेंगे. महापंचायत को लेकर प्रशासन अलर्ट है. हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त के पुलिस लाठीचार्ज को लेकर किसानों की महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव की योजना के एक दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार पर काबू के लिए करनाल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया.
दरअसल 28 अगस्त को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में कई किसान नेताओं को चोटें आईं थीं. जिसके बाद करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Karnal Ayush Sinha) का तबादला किया गया था. ऐसे में प्रशासन किसान महापंचायत को लेकर अलर्ट है.
उधर, किसान महापचायत से पहले 'ईटीवी भारत' संवाददाता नियामिका सिंह ने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल से बात की. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण, किसान शुरू से ही भाजपा के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. हरियाणा में, किसानों ने भाजपा को बैठकें करने की अनुमति नहीं दी.
बंसल ने कहा कि किसान महापंचायत का आयोजन राजनीतिकरण नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक में देश में, सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ हर वर्ग आवाज उठा सकता है अगर उन्हें लगता है कि उनके अधिकारों का दमन हो रहा है.
विवेक बंसल ने यह भी माना कि किसान कैडर इन तीन कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ पूरी तरह से एकजुट है. उन्होंने कहा कि किसान संगठन केंद्र के झुकने तक अपनी मांगों पर अडिग रहेंगे.
किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस के रुख को लेकर बंसल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है. हमारा मानना है कि ये तीन विधेयक किसानों की दुर्दशा के लिए हैं. क्या केंद्र के लिए इन विधेयकों को पारित करने से पहले किसानों से परामर्श करना जरूरी नहीं था.