भरतपुर : दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में जगह-जगह किसान महापंचायत की जा रही है. इसमें कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई जा रही है. रविवार को भरतपुर जिले के पिपला गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, नदबई विधायक जोगिंदर अवाना सहित कई नेता मौजूद रहे. महापंचायत में करीब पांच हजार से ज्यादा किसान और महिलाएं जुटीं.
किसानों को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन किसान विरोधी कानून बनाए हैं जिसके विरोध में कई माह से दिल्ली में आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता के आगे किसानों की नहीं सुन रही. ऐसे में अब केंद्र सरकार के सामने किसान सबसे बड़ी चुनौती है. अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो इसका खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा. किसानों ने केंद्र सरकार को जबाब नहीं दिया तो आगे आने वाली सरकार भी उनके साथ ऐसा ही बर्ताव करेगी. इसलिए दिल्ली आंदोलन को और तेज करना होगा जिससे सरकार किसानों की मांगें मानने को मजबूर हो जाए.
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क्योंकि देश का किसान आत्मनिर्भर है जबकि देश किसान पर निर्भर हैं. केंद्र सरकार अलग-अलग मुद्दों पर देश की जनता को भटका रही है. अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार के अहम को तोड़ दिया जाए और ये अहम किसान ही तोड़ेगा क्योंकि देश में किसान से बड़ा देशभक्त कोई नहीं. इसके अलावा RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि किसान समझ चुके हैं कृषि कानून उनके हित में नहीं हैं. इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं. इस विरोध को धार देने के लिए लगातार किसान पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है. केंद्र सरकार के मंत्री सदन में कहते हैं कि पंजाब का किसान ही आंदोलन कर रहा है, जबकि पूरे देश का किसान प्रदर्शन कर रहा है.
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में जगह-जगह किसान महापंचायत की जा रही है. जिसमें कृषि कानूनों के खिलाफ और दिल्ली आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई जा रही है. आज भरतपुर जिले के पिपला गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, नदबई विधायक जोगिंदर अवाना सहित कई नेता मौजूद रहे. महापंचायत में करीब 5 हजार से ज्यादा किसान और महिलाएं एकत्र हुई हैं.