करनाल :हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) का मामले को लेकर गुस्साए किसानों ने करनाल के घरौंडा में महापंचायत (farmer mahapanchayat) का आयोजन किया. ये महापंचायत भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने बुलाई थी जिसकी अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam singh charuni) ने की. इस महापंचायत में किसान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी खासतौर पर शामिल हुए. इस महापंचायत में किसानों ने तीन बड़े फैसले लिए हैं.
महापंचायत में लिए गए फैसलों के बारे में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि किसानों ने पहला फैसला लिया कि करनाल के SDM आयुष सिन्हा समेत अन्य अधिकारियों पर मामले दर्ज हो, जिनकी वजह से लाठीचार्ज हुआ है. इस मांग को लेकर राज्य सरकार को छह सितम्बर तक का समय दिया है. अगर सरकार नहीं मानी तो सात सितंबर को करनाल में फिर बड़ी पंचायत होगी और उसके बाद सचिवालय का घेराव किया जाएगा. महापंचायत में दूसरा फैसला ये लिया गया कि हरियाणा के सभी किसान संगठन इकट्ठा होकर संयुक्त किसान मोर्चा के आगे अपनी बात रहेंगे. अगर उनकी मांगों को अनसूनी कर दी गई, तो हरियाणा के सभी किसान संगठन दोबारा बैठक बुलाएंगे और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे.
वहीं, महापंचायत में तीसरा फैसला ये हुआ कि जिस किसान की मौत हुई है उसके परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये का मुआवजा, बेटे को नौकरी और साथ ही घायलों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएं. बता दें कि, करनाल में शनिवार को भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई थी. इस दौरान किसानों ने भी विरोध जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई थी.