नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जजों की सेवा और सैलरी से जुड़ा विधेयक लोक सभा में पेश किया. संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने हाईकोर्ट जजेस सैलरी एंड कंडिशंस ऑफ सर्विसेज एक्ट में संशोधन करने का प्रस्ताव करते हुए विधेयक लोक सभा में पेश किया.
उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक 2021 में स्पष्ट किया गया है कि उच्च एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को पेंशन की अतिरिक्त मात्रा या परिवार पेंशन के लिये कोई हकदारी सदैव उस माह की पहली तारीख से होगी जब पेंशन भोगी या कुटुम्ब पेंशनभोगी निर्दिष्ट आयु पूरी कर लेता है.
उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2021 (The High Court and Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of Service) Amendment Bill, 2021)के माध्यम सेकेंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों में संशोधन का प्रस्ताव किया है.
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम 2009 की 17ख एवं 16ख में क्रमश: अंत:स्थापित किया गया था जिसमें प्रत्येक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उनकी मृत्यु के पश्चात उसका कुटुम्ब उसमें निर्दिष्ट मान के अनुरूप पेंशन या कुटुम्ब पेंशन की अतिरिक्त मात्रा का हकदार होगा.
इसी के अनुसार, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की पेंशन की अतिरिक्त मात्रा को यथास्थिति 80 वर्ष, 85 वर्ष 90 वर्ष और 100 वर्ष की आयु पूरी कर लेने पर मंजूर किया जा रहा है.