नई दिल्ली :विश्व यूनानी दिवस पर केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री किरेन रिजिजू ने भारत की समृद्ध पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की अनदेखी के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया. विश्व यूनानी दिवस पर शनिवार को विज्ञान भवन में मीडिया, यूनानी चिकित्सकों, विद्वानों और विदेशी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रिजिजू ने 2014 के पहले की सरकारों पर तंज कसा.
रिजिजू ने कहा कि 'यूनानी जो कि भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति में से एक है, जिसे पिछली सरकारों के दौरान बजट के कम आवंटन के साथ नजरअंदाज कर दिया गया था. 2014 के बाद पीएम मोदी ने न केवल इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया, बल्कि राशि का आवंटन भी किया. राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर इसके प्रचार के लिए बहुत अधिक जोर दिया गया.'
कानून मंत्री ने कहा कि 'भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. यहां यूनानी के माध्यम से समाज और मानव जाति की बेहतरी के लिए सबसे आगे आने और काम करने की अपार क्षमता है. हालांकि इस आधुनिक समय में चिकित्सा क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पुरानी तकनीकों और प्रथाओं का उपयोग दोनों ही मानव जाति के लिए बेहतर वातावरण बना सकते हैं.'
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यूनानी चिकित्सा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इसके साथ ही केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित यूनानी चिकित्सा के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया. इस दौरान सोनोवाल ने कहा, 'पीएम मोदी के पिछले 9 वर्षों के कार्यकाल में आयुष और यूनानी ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है. भारत पारंपरिक चिकित्सा और कल्याण में वैश्विक नेतृत्व ले रहा है, एक परिवर्तन जो दुनिया भर में आयुष की भारी लोकप्रियता और स्वीकृति में भी परिलक्षित होता है.