दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Kim-Putin Meeting: जापान-अमेरिका-द. कोरिया को मिला पुतिन और किम जोंग का 'जवाब' - रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु

पश्चिमी मीडिया में विभिन्न अटकलों के बीच इस महीने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन (North Korean leader Kim Jong un) की रूस यात्रा होगी. यह यात्रा अगस्त में दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के बाद जैसे को तैसा वाला कदम हो सकती है. पढ़िए अरुणिम भुइयां की रिपोर्ट...

Kim Jong Un and Vladimir Putin
किम जोंग उन और व्लादिमीर पुतिन

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2023, 6:08 PM IST

नई दिल्ली:उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन (North Korean leader Kim Jong un) इस महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) के साथ बैठक करने के लिए रूस जाएंगे. किम की यात्रा को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. इस बारे में मीडिया रिपोर्टों में एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि किम इस महीने रूस की यात्रा करेंगे जो कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद उत्तर कोरियाई नेता की पहली विदेश यात्रा होगी.

रिपोर्टों के मुताबिक रूस को तोपखाने के गोला-बारूद की जरूरत हो सकती है क्योंकि यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण उसके स्टॉक में कमी आ रही है. इस बारे में उपलब्ध सार्वजनिक के अनुसार किम 10 से 13 सितंबर कत रूस के सुदूर पूर्व में व्लादिवोस्तोक में रहेंगे जहां वह वार्षिक पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेंगे. रिपोर्टों से पता चलता है कि उत्तर कोरिया द्वारा यूक्रेन में युद्ध का समर्थन करने के लिए रूस को हथियार मुहैया कराने पर भी चर्चा होने की संभावना है.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी के हवाले से कहा गया कि रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने हाल ही में उत्तर कोरिया की यात्रा के दौरान प्योंगयांग को रूस को तोपखाने गोला-बारूद बेचने के लिए मनाने की कोशिश की थी. कोरियाई युद्ध युद्धविराम की 70वीं वर्षगांठ के प्योंगयांग के जश्न के लिए इस साल जुलाई में शोइगु की उत्तर कोरिया यात्रा के दौरान किम ने कथित तौर पर अपने देश के नवीनतम रक्षा हथियारों का प्रदर्शन किया था. उत्तर कोरिया की कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बताया कि किम और शोइगु ने राष्ट्रीय रक्षा और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल के क्षेत्र में आपसी चिंता के मामलों पर चर्चा की. लेकिन प्योंगयांग और मॉस्को दोनों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियारों की आपूर्ति करने की रिपोर्टों का खंडन किया है.

रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि उत्तर कोरिया संभवतः खाद्य और ऊर्जा शिपमेंट और परिष्कृत हथियार प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण चाहेगा. लेकिन नवीनतम घटनाक्रम से परिचित कोरिया के एक विशेषज्ञ ने इन रिपोर्टों को अटकलबाजी के रूप में खारिज कर दिया और ईटीवी भारत को बताया कि ये यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के बीच पश्चिमी मीडिया की कहानी का हिस्सा है. विशेषज्ञ ने कहा कि रूस के हथियारों के भंडार को देखते हुए उसे सैन्य तौर पर किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि मैं हथियारों के बदले अनाज के सौदे में कटौती से इनकार नहीं करूंगा. क्षेत्र में वर्तमान भू-राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए रूस और उत्तर कोरिया को अछूत राष्ट्रों के रूप में दिखाने की पश्चिमी मीडिया की कहानी के सामने एक संदेश भेजने के लिए यह दोनों पक्षों का एक सामयिक कदम है.

विशेषज्ञ ने समझाया कि हालांकि अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले महीने कैंप डेविड में आयोजित दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के बाद उत्तर कोरिया का जैसे को तैसा वाला कदम है. बैठक से पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने कहा था कि शिखर सम्मेलन त्रिपक्षीय सहयोग में एक नया मील का पत्थर स्थापित करेगा जो कोरियाई प्रायद्वीप और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान देगा. हालांकि, पर्यवेक्षकों के अनुसार अमेरिका और जापान के साथ सुरक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए दक्षिण कोरिया की मुख्य प्रेरक शक्ति उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे से निपटना है. उनका मानना ​​है कि यह तथ्य कि दक्षिण कोरिया अमेरिका और जापान के साथ अपने संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है. इससे यह दर्शाता है कि उसे उत्तर कोरिया से बड़े खतरों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, यून ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल विकास हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अस्तित्वगत खतरा पैदा करता है और शासन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया.

यून ने यह टिप्पणी जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) के दौरान की, जिसमें दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के 10 सदस्यों और दक्षिण कोरिया, अमेरिका, जापान, चीन, रूस, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यू के नेता एक साथ आए थे. योनहाप समाचार एजेंसी ने यून के हवाले से कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल विकास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का गंभीर उल्लंघन है और विश्व शांति के लिए सीधी चुनौती है. उन्होंने कहा कि यह एक अस्तित्वगत ख़तरा है जो आज की बैठक में भाग लेने वाले सभी देशों को निशाना बना सकता है और उन पर हमला कर सकता है. विशेषज्ञ ने बताया कि किम जो कर रहे हैं वह दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका को एक संदेश भेज रहा है कि अगर उनके रिश्ते से उत्तर कोरिया की सुरक्षा को खतरा है, तो उनका एक दोस्त भी है जो उनकी निगरानी कर सकता है.

इस बीच, किम की रूस यात्रा के बारे में जो बात ध्यान खींच रही है, वह उनकी यात्रा का तरीका और वह रास्ता है जो वह अपनाते हैं. इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या किम व्लादिवोस्तोक तक बख्तरबंद ट्रेन से 20 घंटे की रेल यात्रा करेंगे, जैसा कि उत्तर कोरियाई नेता करते हैं. इससे पहले अप्रैल 2019 में जब वह पुतिन के साथ अपनी पहली मुलाकात के लिए रूस गए थे तो किम ने हरे और पीले रंग की ट्रेन में यात्रा की थी. इस यात्रा को शानदार बताया गया था, वहीं यात्रा के दौरान महंगी फ्रांसीसी शराब का आनंद उठाया गया था. मेनुहिल, योनहाप ने गुरुवार को एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि किम की रूस की यात्रा के लिए कोई रूट निर्धारित नहीं किया गया है. रिपोर्ट में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (NIS) के निदेशक किम क्यू-ह्यून के हवाले से कहा गया है कि किम जोंग-उन द्वारा उम्मीद से अलग रास्ता चुनकर एक आश्चर्यजनक कदम उठाने की संभावना है.

ये भी पढ़ें - G20 Summit In India : जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत नहीं आएंगे पुतिन : क्रेमलिन

ABOUT THE AUTHOR

...view details