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Visakhapatnam Kidney racket: आंध्र प्रदेश में किडनी रैकेट का पर्दाफाश, अस्पताल सील

विशाखापत्तनम में किडनी रैकेट का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है यह गैंग गरीबों को पैसों का लालच देकर फंसाते हैं, फिर किडनी निकालने के बाद पूरे पैसे भी नहीं देते हैं. इस संबंध में एक व्यक्ति की शिकायत के बाद कई लोग सामने आए हैं, जिन्होंने एक अस्पताल पर उनकी किडनी निकालने का आरोप लगाया है. पुलिस ने अस्पताल को सीज कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.

Visakhapatnam Kidney racket
आंध्र प्रदेश में किडनी रैकेट का पर्दाफाश

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Published : Apr 29, 2023, 1:37 PM IST

विशाखापत्तनम:आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में गरीबों की आर्थिक जरूरतों की फायदा उठाकर उनकी किडनी निकाले जाने का मामला सामने आया है. मधुरवाड़ा इलाके के विनय कुमार ने पुलिस को शिकायत दी कि पेंडुर्थी के श्रीथिरुमाला अस्पताल में उनकी किडनी निकाली गई है. उनकी शिकायत पर चिकित्सा अधिकारियों ने गुरुवार को उस अस्पताल का मुआयना किया. कलेक्टर के आदेश पर अस्पताल को सीज कर दिया गया है. फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

किडनी निकालने की बात से शहर में हड़कंप मचा हुआ है. शुक्रवार को कुछ और किडनी पीड़ित भी सामने आए हैं. उनका कहना है कि इसी अस्पताल में उनकी किडनी भी निकाली गई थी. स्वास्थ्य विभाग इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है. पुलिस श्रीतिरुमाला अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. परमेश्वर राव से पूछताछ कर रही है कि क्या उन्होंने किडनी की सर्जरी की थी ? अस्पताल में किसी दूसरे डॉक्टर को बुलाया गया था? क्या किडनी के ऑपरेशन के लिए मौजूदा थिएटर उपयुक्त या नहीं?

जानकारी के मुताबिक मदुरवदा के वंबे कॉलोनी निवासी विनय कुमार एक ड्राइवर है. उसी कॉलोनी के कामराजू ने बताया कि विनय कुमार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे विनय को पता था कि अगर उनसे किडनी बेच दी तो उसकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. उसने एक किडनी के लिए 8.50 लाख रुपये का सौदा किया. कामराजू, 17 अक्टूबर, 2022 विनय कुमार को एक डायग्नोस्टिक सेंटर ले गया और परीक्षण किया. चिकित्सा परीक्षणों के बाद उन्होंने अपना विचार बदल दिया और किडनी दान किए बिना हैदराबाद चला गया.

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इसके बाद कामराजू ने विनय को धमकी दी कि अगर उनसे मेडिकल परीक्षण के ₹50 हजार नहीं दिए तो वह परिवार के सदस्यों को परेशान करेगा. इसके बाद कामराजू ने विनयकुमार के पिता को 5 लाख रुपये देने का वीडियो यह कहते हुए बनाया गया कि ये पैसे उनके बेटे ने हैदराबाद से भेजे हैं लेकिन बाद में उन्होंने 2.50 लाख रुपये ही दिए. इसके बाद विनय सर्जरी के लिए तैयार हो गया.

सर्जरी के बाद दलालों ने विनयकुमार को कैब में बैठाकर छोड़ दिया. कोई दवा नहीं दी गई, जब पीड़िता घर पहुंची तो उसने किसी को नहीं बताया क्योंकि उसे लगा कि इस बात की जानकारी होने पर कॉलोनी की बदनामी होगी. एक सप्ताह तक तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन फिर पैर और हाथ की गति कम हो गई. इसके बाद विनय ने बकाये का भुगतान न करने और तबीयत बिगड़ने के कारण घटना की जानकारी परिजनों को बताकर 24 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है. जिसके बाद यह किडनी गैंग सामने आया है.

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