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Eid ul Adha 2023 : कैसरगंज ईदगाह में हुई विशेष नमाज अदा, ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का जन्नती दरवाजा खुला

ईदुल अजहा के मौके पर ख्वाजा गरीव नवाज के दरगाह की जन्नती दरवाजा खुला है. बता दें कि साल में 4 बार ही यह दरवाजा खुलता है.

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Published : Jun 29, 2023, 1:41 PM IST

Updated : Jun 29, 2023, 2:33 PM IST

ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का जन्नती दरवाजा खुला

अजमेर.ईदुल अजहा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ अजमेर में मनाया जा रहा है. इस मौके पर कैसरगंज स्थित ईदगाह में मुख्य नमाज अदा की गई. इसके बाद घरों में जानवरों को जिबह (कुर्बानी) कर सुन्नते इब्रा tvहिम अदा की गई. ईद के मौके पर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में साल में 4 मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा सुबह फज्र की नमाज के बाद से ही आमजन के लिए खोल दिया गया.

अजमेर में ईदुल अजहा की मुख्य नमाज केसरगंज में शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्धकी की इमामत में हजारों लोगों ने अदा की. इसी तरह सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में स्थित शाहजहानी मस्जिद और संदल खाना मस्जिद में भी नमाज हुई. शहर में नौसर और राती डांग ईदगाह में भी नमाज अदा की गई. ईद के मौके पर अजमेर शहर की बरसों पुरानी गंगा जमुनी तहजीब भी नजर आई. कैसर गंज स्थित ईदगाह की नमाज में हजारों लोगों ने खुदा के आगे सिर झुकाया और नमाज अदा की. नमाज के बाद लोगों ने अपने और अपने परिवार की खुशहाली के साथ मुल्क में अमन चैन, भाईचारा कायम रहने और देश की तरक्की के लिए दुआ मांगी

नमाज अदा कर घरों को लौट रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों का ईदगाह के बाहर विभिन्न धर्मों के लोगों ने स्वागत किया. साथ ही कांग्रेस और आप पार्टी के कार्यकर्ताओ ने भी ईदगाह की नमाज अदा कर बाहर आए लोगों का इस्तकबाल किया और उन्हें ईद की मुबारकबाद दी. इस दौरान अजमेर कलेक्टर भारती दीक्षित, एसपी चुनाराम जाट समेत कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. ईदगाह और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे. कैसरगंज में नमाज अदा होने तक ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया. आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़, वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश टंडन और पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, महेंद्र सिंह रलावता ने भी ईदगाह पहुंच कर मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलकर उन्हें ईद की मुबारकबाद दी.

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देश की आजादी में कुर्बानियों की बदौलत ही आज हम चैन की ले रहे हैं सांस :राठौड़ ने कहा कि ईद का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ सब मिलकर मना रहे हैं. यह कुर्बानी का त्योहार है. हमारे देश में आजादी पाने के लिए बहुत कुर्बानियां दी है. उन्हीं कुर्बानियों की बदौलत आज लोकतंत्र में हम सांसे ले रहे हैं. देश एक रहे, अखंड रहे इसके लिए भी हम प्रार्थना करते हैं. देश में और प्रदेश में लोगों के बीच सद्भावना और भाईचारा बना रहे. सभी मिलजुल कर रहे और एक दूसरे से प्यार करें ईद का पर्व यही हमें सिखाता है और प्रेरणा देता है.

यह कुर्बानी का है त्योहार :अजमेर शहर काजी तौफीक अहमद ने कहा कि सभी लोग साथ मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार को मनाएं और सफाई का ख्याल रखें. उन्होंने कहा कि ईद का पर्व कुर्बानी का संदेश देता है. कुर्बानी केवल जानवरों की नहीं बल्कि यह नफ्स की कुर्बानी है. यह पर्व इंसान को त्याग की याद दिलाता है. यह कुर्बानी हजरत इब्राहीम फिर यह फर्ज की गई थी और उन्हें औलाद की कुर्बानी करने का हुकुम हुआ था. अल्लाह ने औलाद की जगह मेंडे (बकरा) की कुर्बानी के लिए कहा.

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यूसीसी का ड्राफ्ट आने से पहले आपत्ति करना गलत :अजमेर दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट जब तक सामने नहीं आता तब तक इस पर किसी तरह की आपत्ति करना या लोगों को गुमराह करना अनुचित है. इस मामले को लेकर कुछ लोग भ्रम फैलाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. लॉ कमीशन ने सुझाव मांगे हैं तो सुझाव देना चाहिए. इसके बाद जब ड्राफ्ट आता है और उसमें किसी तरह की कोई आपत्ति होती है तो सरकार से बातचीत कर मसला हल किया जाएगा.

टीवी चैनलों पर मुसलमानों के हुक्मरान बनकर जो बयान दे रहे हैं वह गलत है. इतनी मेहनत वह सरकार के साथ बैठकर कानून बनाने में करें. कोई कानून देश और देश की जनता के हित में बनता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए. कोई मामला यदि आता है तो बैठकर हल किया जा सकता है. ईद के पर्व पर मुबारकबाद देते हुए चिश्ती ने कहा कि अजमेर से मोहब्बत का पैगाम पूरी दुनिया में जाना चाहिए. हजारों वर्षों से मिलजुल कर सभी लोग यहां रहते आए हैं और आगे भी सभी लोग मिलजुल कर रहेंगे. अमन के दुश्मनों को जवाब देना चाहिए. यहां विभिन्न धर्मों के लोग मोहब्बत का पैगाम देने के लिए हाजिर हैं. यहां हर मजहब के लोग एक दूसरे के त्योहार में खुशियां मनाते हैं. यही तरीका दीपावली और दशहरे पर भी नजर आना चाहिए.

दरगाह में खुला जन्नती दरवाजा :सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में परंपरा के अनुसार साल में 4 मर्तबा खुलने वाला जन्नति दरवाजा सुबह फजर की नमाज के बाद आम जायरीन के लिए खोल दिया गया. सुबह से ही अकीदतमंदों में जन्नती दरवाजे से होकर ख्वाजा गरीब नवाज के आस्ताने में जाकर अपनी अकीकत पेश करने सिलसिला जारी रहा.

Last Updated : Jun 29, 2023, 2:33 PM IST

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