खटकड़ कलां (पंजाब) : नवांशहर इलाके में शहीद ए आजम भगत सिंह का पैतृक गांव खटकड़ कलां आज बंगा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. आज भी जालंधर चंडीगढ़ हाईवे से जब लोग गुजरते हैं तो इस गांव की मिट्टी को प्रणाम करते हैं. सड़क किनारे बने भगत सिंह के म्यूजियम को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. गांव में सड़क है, गांव के अंदर नालियां हैं. गांव के पार्क भी बेहद खूबसूरत हैं. यहां बस स्टैंड और प्लेग्राउंड की कमी है. इन सुविधाओं के बीच गांव के बुजुर्ग इलाके के नौजवानों की स्थिति से चिंतित दिखाई देते हैं.
खटकड़ कलां के कई घरों में आज ताले लगे हुए हैं क्योंकि बेरोज़गारी के चलते यहां के नौजवानों ने विदेश की राह पकड़ ली. जो बची हुई युवा पीढ़ी है, वह रोजगार की आस में भटक रहे हैं. ऐसे युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति ने भी बुजुर्गों को चिंता में डाल दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बहुत सारी जगह ऐसी है, जहां सरकार फ़ैक्टरियां खोल कर नौजवानों को नौकरी दे सकती थी, मगर पिछले कई दशकों से किसी सरकार ने रोजगार की चिंता नहीं की. इस कारण युवा गांव से पलायन करने लगे.
5.30 वर्ग किलोमीटर में फैले खटकड़ कलां की आबादी करीब 1950 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 945 है जबकि महिलाएं की संख्या 1005 है. गांव में करीब 1300 वोटर हैं. गांववालों की शिकायत है कि यहां प्लेग्राउंड नहीं है. एक जो प्लेग्राउंड था, उसमें सोलर पैनल लगा दिए गए. अब बच्चे खेलने के लिए गांव से दूर चले जाते हैं.
गांव का स्टेशन को अपग्रेडेशन की जरूरत : खटकड़ कलां में एक रेलवे स्टेशन भी हैं, जहां आए दिन हादसे होते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्लेटफॉर्म इतना नीचे चला गया है कि ट्रेन से चढ़ने और उतरने के दौरान हादसे होते हैं. स्टेशन के नज़दीक बनी एक पुलिया भी बेहद ख़स्ता हालत में है, लोक इसका इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि अक्सर इस में पानी भरा रहता है.