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शहीद ए आजम भगत सिंह के गांव में थोड़ी दिक्कतें हैं, मगर वोटरों की चिंता है बेरोजगारी

पंजाब में चुनाव का शोर है. शहीद ए आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में भी चुनावी चहल-पहल है. गांव में सड़के हैं, पार्क है और बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, मगर यहां के लोग सरकार के रवैये से खुश नहीं हैं. गांव एक पुराना रेलवे स्टेशन है, जहां सुविधा नहीं है. बस तो गांव तक आती हैं, मगर बस स्टैंड नहीं है. खटकड़ कलां के बुजुर्गों की चिंता उन नौजवानों को लेकर ज्यादा है, जो बेरोजगार हैं और नशे की ओर बढ़ रहे हैं.

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Published : Feb 18, 2022, 2:09 PM IST

Updated : Feb 18, 2022, 4:37 PM IST

khatkar kalan village story
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खटकड़ कलां (पंजाब) : नवांशहर इलाके में शहीद ए आजम भगत सिंह का पैतृक गांव खटकड़ कलां आज बंगा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. आज भी जालंधर चंडीगढ़ हाईवे से जब लोग गुजरते हैं तो इस गांव की मिट्टी को प्रणाम करते हैं. सड़क किनारे बने भगत सिंह के म्यूजियम को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. गांव में सड़क है, गांव के अंदर नालियां हैं. गांव के पार्क भी बेहद खूबसूरत हैं. यहां बस स्टैंड और प्लेग्राउंड की कमी है. इन सुविधाओं के बीच गांव के बुजुर्ग इलाके के नौजवानों की स्थिति से चिंतित दिखाई देते हैं.

खटकड़ कलां के कई घरों में आज ताले लगे हुए हैं क्योंकि बेरोज़गारी के चलते यहां के नौजवानों ने विदेश की राह पकड़ ली. जो बची हुई युवा पीढ़ी है, वह रोजगार की आस में भटक रहे हैं. ऐसे युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति ने भी बुजुर्गों को चिंता में डाल दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बहुत सारी जगह ऐसी है, जहां सरकार फ़ैक्टरियां खोल कर नौजवानों को नौकरी दे सकती थी, मगर पिछले कई दशकों से किसी सरकार ने रोजगार की चिंता नहीं की. इस कारण युवा गांव से पलायन करने लगे.

शहीद ए आजम भगत सिंह का पैतृक गांव खटकड़ कलां की ग्राउंड रिपोर्ट.

5.30 वर्ग किलोमीटर में फैले खटकड़ कलां की आबादी करीब 1950 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 945 है जबकि महिलाएं की संख्या 1005 है. गांव में करीब 1300 वोटर हैं. गांववालों की शिकायत है कि यहां प्लेग्राउंड नहीं है. एक जो प्लेग्राउंड था, उसमें सोलर पैनल लगा दिए गए. अब बच्चे खेलने के लिए गांव से दूर चले जाते हैं.

गांव का स्टेशन को अपग्रेडेशन की जरूरत : खटकड़ कलां में एक रेलवे स्टेशन भी हैं, जहां आए दिन हादसे होते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्लेटफॉर्म इतना नीचे चला गया है कि ट्रेन से चढ़ने और उतरने के दौरान हादसे होते हैं. स्टेशन के नज़दीक बनी एक पुलिया भी बेहद ख़स्ता हालत में है, लोक इसका इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि अक्सर इस में पानी भरा रहता है.

बस अड्डे की सहूलियत नहीं: गांववालों का कहना है कि जालंधर चंडीगढ़ राजमार्ग बसे इस गांव से रोज़ सैंकड़े बसें निकलती हैं, मगर यहां कोई बस स्टाप नहीं है. उनका कहना है कि गांव से एक किलोमीटर दूर बनाए गए इस हाईवे के आसपास एक बस अड्डा ज़रूर होना चाहिए. प्रदेश में विपक्ष के नेता शहीद के गांव में कमियों के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा करते हैं.

भारतीय जनता पार्टी के नेता मोहन लाल बंगा का कहना है कि सब से पहले तो सरकारें को शहीद भक्त सिंह राजगुरू और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए, जो कि आज तक उन्हें को नहीं मिला. इसके अलावा शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए. उन्होंने मोहाली एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम और रखा जाना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ी उनको याद रख सकें.

क्या कहते हैं मौजूदा विधायक: नवांशहर के बंगा इलाके अकाली विधायक सुखविन्दर पाल सुखी का कहना है कि शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है. गांववाले ने कई समस्याओं के बारे में बताया, मगर कांग्रेस की सरकार विपक्ष के विधायकों का काम नहीं करती है. इस बार सरकार बनीं तो उनकी सारी शिकायतें दूर कर दी जाएंगी.

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Last Updated : Feb 18, 2022, 4:37 PM IST

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