नई दिल्ली :कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) ने गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा से 21 दिसंबर को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाने को कहा है क्योंकि चुनाव में हार के बावजूद नेता प्रतिपक्ष के लिए जोरदार पैरवी की जा रही है. कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता भी चुना जाना है (Kharge wants Gujarat CLP leader issue settled).
गुजरात के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि 21 दिसंबर को विधायकों की बैठक बुलाई गई है. कांग्रेस जिसने 2017 के चुनावों में 182 में से 77 सीटें जीती थीं, हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पश्चिमी राज्य में उसका अब तक का सबसे खराब चुनावी प्रदर्शन रहा. कांग्रेस केवल 17 पर सिमट गई है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि शैलेश परमार, सीजे चावड़ा और कुछ अन्य विधायक कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद के लिए पैरवी कर रहे हैं. हालांकि, एक सवालिया निशान ये है कि क्या सबसे पुरानी पार्टी को नेता प्रतिपक्ष का पद आधिकारिक रूप से मिलेगा या नहीं. इसका कारण यह है कि गुजरात विधानसभा ने दशकों से एक नियम का पालन किया है जिसके अनुसार 10 प्रतिशत सीटों (18) के साथ विपक्षी पार्टी को विपक्ष के नेता का पद मिलता था.
लेकिन इस बार समस्या यह है कि कांग्रेस उस संख्या से एक सीट कम है और इस मामले में अंतिम फैसला सदन के अध्यक्ष द्वारा लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक एआईसीसी प्रभारी ने 21 दिसंबर को जिला इकाई प्रमुखों की बैठक भी बुलाई है जहां वह उनके साथ चुनावी हार की समीक्षा करेंगे.
पार्टी के दिग्गजों ने स्वीकार किया कि चुनाव परिणाम निराशाजनक हैं, लेकिन यह भी कहा कि निराश होने की कोई जरूरत नहीं है. चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने वाले वरिष्ठ नेता दीपक बाबरिया ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'परिणाम निराशाजनक हैं लेकिन हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए. 'आप' ने 13 फीसदी वोट शेयर हासिल कर हमारे जनाधार में सेंध लगाई है, लेकिन हमारे पास अभी भी लगभग 27 प्रतिशत वोट शेयर है. अगर हम संगठन को मजबूत करते हैं, तो अगले कुछ वर्षों में खोए हुए वोट शेयर को फिर से हासिल करना संभव है.'
उन्होंने कहा कि 'हम राज्य में भाजपा को चुनौती देना जारी रखेंगे. हमारे कार्यकर्ता अभी भी आशान्वित हैं और उस कठिन लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए तैयार हैं.'