नई दिल्ली :अध्यक्ष पद संभालने के बाद पहली बार मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) सबसे पुरानी पार्टी के स्थापना दिवस 28 दिसंबर पर मुंबई में झंडा फहरा सकते हैं. ऐसी संभावना है कि वह देश को एकजुट करने और अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दे सकते हैं. कांग्रेस की मुंबई इकाई हर साल ग्वालिया टैंक (Gwalia Tank) का स्थापना दिवस मनाती रही है, जहां से 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था, लेकिन इस बार नए पार्टी प्रमुख की मेजबानी के लिए एक बड़ी रैली भी आयोजित की जा रही है.
भव्य पुरानी पार्टी की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई में हुई थी. हालांकि दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी पार्टी नेताओं के साथ मौजूद रहेंगे. पार्टी प्रबंधकों ने उसी दिन मुंबई में अलग रैली आयोजित करने की योजना बनाई है.
पार्टी नेताओं के साथ बुधवार को व्यवस्थाओं की समीक्षा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने ईटीवी भारत को बताया, 'पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद खड़गेजी का यह पहला मुंबई दौरा है. हम उनके भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं.' निरूपम के मुताबिक, देश को एकजुट करने की जरूरत और चीन से सीमा पर खतरे से निपटना दो ज्वलंत मुद्दे हैं. उम्मीद है कि कांग्रेस प्रमुख इस पर बात करेंगे.
यह राजनीति से ज्यादा उत्सव का माहौल होगा लेकिन खड़गेजी का अपना राजनीतिक दर्शन और शैली है. उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी द्वारा निभाई गई भूमिका का भी उल्लेख किया जा सकता है.'
दिलचस्प बात यह है कि खड़गे ने 26 अक्टूबर को कांग्रेस प्रमुख का पद संभालने के बाद से ही भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है.उन्होंने हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में और बाद में बेंगलुरु, कलबुर्गी, शिमला और अहमदाबाद में रैलियों में पिछले 70 वर्षों में कांग्रेस के योगदान पर सवाल उठाने के लिए भगवा पार्टी पर हमला किया.
अलवर में उनकी हालिया रैली ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया, भाजपा ने मांग की कि खड़गे से माफी मांगें. दरअसल खड़गे ने कहा था कि 'भाजपा नेताओं के किसी कुत्ते ने भी देश के लिए अपनी जान नहीं दी, जबकि कांग्रेस के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्र के लिए अपनी जान दी.'
माफी मांगने से इनकार करने वाले खड़गे ने कहा कि उन्होंने कथित टिप्पणी भाजपा द्वारा राहुल गांधी से सीमाओं पर चीनी खतरे को उजागर करने के लिए माफी मांगने के जवाब में की थी.
दरअसल कांग्रेस चीन की स्थिति पर बहस के लिए दबाव बना रही है, लेकिन सरकार शांत है. राज्यसभा सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने कहा, 'हम न केवल इस सत्र में बल्कि 2020 से चीन के खतरे पर बहस की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस मामले पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है.'
खड़गे को शिवसेना उद्धव ठाकरे-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी बल्लेबाजी करने की उम्मीद है, जिसे महाविकास आघाडी के रूप में जाना जाता है और वह सत्तारूढ़ गठबंधन को ठोस चुनौती दे रहा है.