नई दिल्ली :कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) सबसे पुरानी पार्टी के लिए भाग्यशाली साबित हुए हैं. खड़गे के 26 अक्टूबर 2022 को पदभार संभालने के बाद से हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने जीत हासिल की. खड़गे ने पदभार संभालने के तुरंत बाद हिमाचल प्रदेश की निगरानी करते हुए भाजपा शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए जरूरी जीत दिलाई. इसके छह महीने बाद ही 80 वर्षीय खड़गे ने 13 मई 2023 को कर्नाटक में कांग्रेस के लिए एक बड़ी जीत दर्ज की.
खड़गे ने गृह राज्य होने के नाते न केवल पूरे कर्नाटक में प्रचार किया बल्कि वे पिछले एक महीने से दक्षिण राज्य में मौजूद रहे. हालांकि कर्नाटक खड़गे के लिए एक प्रतिष्ठा का मुद्दा था जहां उन्होंने अपने अनुभव से राज्य की टीम को एकजुट रखा. खासकर राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार और सीएलपी नेता सिद्धारमैया के नेतृत्व वाले गुटों को.
इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव तारिक अनवर (AICC general secretary Tariq Anwar) ने कहा कि निश्चित रूप से खड़गेजी पार्टी के लिए भाग्यशाली रहे हैं. पार्टी प्रमुख चुने जाने के तुरंत बाद उन्होंने हिमाचल जीत लिया. चुनाव लड़ने के उनके बड़े अनुभन ने हिमाचल प्रदेश में काफी मदद की. इसी प्रकार उनके गृह राज्य कर्नाटक के हर हिस्से में उनकी गतिशीलता के बारे में सभी जानते हैं. उनका सभी राज्य के नेताओं द्वारा सम्मान किया जाता है और इस प्रकार वह स्थानीय टीम को एकजुट रखने में सक्षम थे. इसी ने हमारी जीत में अहम भूमिका निभाई.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, खड़गे ने कर्नाटक अभियान के दौरान लगभग 36 जनसभाओं और पांच बार मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा और भगवा पार्टी के अभियान का नेतृत्व करने वाले पीएम की आलोचना की. अनवर ने कहा, 'खड़गेजी ने 80 साल की उम्र में भी बड़ी ऊर्जा के साथ पूरे कर्नाटक में प्रचार किया. खड़गेजी एक दलित नेता थे जो कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते थे, उन्होंने एससी/एसटी मतदाताओं के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजा, जिन्होंने कर्नाटक में सबसे पुरानी पार्टी को चुना.' उन्होंने कहा, इसकी तुलना में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में जीत सुनिश्चित नहीं कर सके.