नई दिल्ली : राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge)ने मानसून सत्र (monsoon session)के आखिरी दिन उच्च सदन में हुए हंगामे को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को 'कसूरवार ठहराने और फंसाने' के लिए महिला मार्शलों का उपयोग किया गया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में उम्मीद जताई कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू इस मामले में फैसला करते हुए निष्पक्ष रहेंगे क्योंकि एक पार्टी पर जिम्मेदारी डालना अनुचित होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों सदनों में बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा अपना असली रंग दिखा रही है और विधेयकों को जबरन पारित कराकर तानाशाही तरीके से संसद को चलाना चाहती है.
खड़गे ने आरोप लगाया, 'सरकार ने विपक्ष को कसूरवार ठहराने और विपक्षी सांसदों को फंसाने के लिए महिला मार्शलों का इस्तेमाल किया.'उन्होंने यह दावा भी किया, 'सरकार का रवैया विपक्ष की छवि को धूमिल करने वाला था.'
कांग्रेस नेता के अनुसार, 11 अगस्त को राज्यसभा को सरकार ने एक 'किले' में तब्दील कर दिया था और बीमा संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए बल का प्रयोग किया क्योंकि वह सरकारी बीमा कंपनियों को अपने कारोबारी मित्रों के सुपुर्द करना चाहती है. यह पूछे जाने पर कि वह विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सरकार की मांग के बारे में क्या सोचते हैं तो खड़गे ने कहा, 'जब कार्रवाई होगी तो हम देखेंगे. हमारे सदस्यों को चोट लगी है. हम सभापति से निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं.'