नई दिल्ली : पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सीट बंटवारे पर अनिश्चितता के बीच लोकसभा गठबंधन पर एक राय कायम करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को देश भर के शीर्ष पार्टी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की. सभी एआईसीसी राज्य प्रभारी, राज्य इकाई प्रमुख और सीएलपी नेता रणनीति सत्र में शामिल हुए, जिसमें पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थे.
यह बैठक पांच सदस्यीय कांग्रेस गठबंधन पैनल द्वारा सीट-बंटवारे की संभावनाओं पर खड़गे को एक रिपोर्ट देने के बाद हुई है, लेकिन पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में स्पष्टता की कमी है, जहां सबसे पुरानी पार्टी को क्रमशः आप, सपा और टीएमसी जैसे विवादास्पद सहयोगियों से निपटना है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली और पंजाब दोनों राज्य इकाइयां 'आप' के साथ समझौते के खिलाफ हैं, लेकिन पंजाब में कांग्रेस सांसद भाजपा और उसके पूर्व सहयोगी शिअद को एक साथ आने से रोकने के लिए 'आप' के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था के पक्ष में हैं.
कांग्रेस सांसदों ने कथित तौर पर गठबंधन पैनल को बताया कि अकाली दल तीन किसान विरोधी कानूनों को लेकर एनडीए से बाहर हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा से हाथ मिला सकता है.
पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर कांग्रेस का कब्जा है और वह बाकी पांच सीटें 'आप' के लिए छोड़ सकती है. दिल्ली में सभी सात लोकसभा सीटें भाजपा के पास हैं लेकिन गठबंधन में कांग्रेस को तीन या चार सीटें मिलेंगी या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चार सीटों का दावा कर रही है, लेकिन 'आप' राज्य विधानसभा में दोनों दलों की सापेक्ष ताकत का हवाला देते हुए केवल तीन सीटों पर तैयार है. कांग्रेस के पास कोई विधायक नहीं है.