भोपाल। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के दावेदार मल्लिकार्जुन खड़गे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे. यहां वे खुद के लिए पीसीसी मेंबर्स का वोट मांगने आए हैं. खड़गे ने यहं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. जिसमें पूछे गए एक सवाल के जवाब ने सबको चौंका दिया है. खड़गे ने सवाल के जवाब में बड़ा बयान दिया है. उनसे से पूछा गया कि आप कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से पीएम का चेहरा कौन होगा. इस सवाल के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे खड़गे ने खुद को इशारों इशारों में बलि का बकरा बता डाला. उन्होंने बयान दिया कि बकरीद में बचेंगे, तब मोहर्रम मनाएंगे. (malikaarjun Kharge in bhopal) (Congress presidential candidate Mallikarjun Kharge)
खड़गे ने खुद को बताया बलि का बकरा:कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. कांग्रेस में 22 साल बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. इसे लेकर भी पार्टी की अंदरूनी कलह भी किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस में मचे घमासान से खुद मल्लिकार्जुन भी परेशान हैं. शायद यही वजह है कि वह इशारों ही इशारों में खुद को बलि का बकरा बता गए.
सोनिया गांधी, राहुल से लेगें सलाह: भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं. यदि अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो संगठनात्मक मामलों पर पार्टी नेताओं, सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी से भी परामर्श करेंगे. यह पूछे जाने पर कि अगर वह पार्टी प्रमुख के रूप में चुने जाते हैं तो कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, उन्होंने सीधे जवाब देने से परहेज किया और अपने गृह राज्य कर्नाटक में लोकप्रिय एक कहावत का हवाला देते हुए कहा, "यदि आप एक त्योहार पर जीवित रहते हैं, तो आप दूसरे कार्यक्रम में नृत्य करेंगे"
पीएम के चेहरे को लेकर अभी असमंजस:कांग्रेस को जोड़ने के लिए राहुल गांधी भारत जोड़ो अभियान चला रहे हैं. इसी बीच कई राज्यों से कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ते जा रहा हैं. ऐसे में पार्टी का जो अंदरूनी हाल है उसे खड़गे ने इशारों में बता दिया है. इसके मायने यह है कि फिलहाल कांग्रेस का ध्यान संगठन को मजबूत करने में है. इस बीच खड़गे के बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. इसके मायने साफ हैं की कांग्रेस में क्या फैसला होता है और अगला अध्यक्ष कितना मजबूत और लोकतांत्रिक होगा इसे लेकर फिलहाल कुछ भी बदलने नहीं जा रहा है.