खंडवा। मध्य प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने और बिजली की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से खंडवा में एक तैरता हुआ सौर ऊर्जा संयंत्र बनाया जा रहा है. जो 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली पैदा करेगा. इसे दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सौर संयंत्र कहा जा रहा है. फ्लोटिंग सोलर प्लांट के पहले चरण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने MOU पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू किया जाएगा. इसके लिए डैम में कई फ्लोटिंग सोलर पार्क बनाए जाएंगे.
CM Shivraj ने बताई प्लांट की विशेषताएं:ओंकारेश्वर का यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए एमओयू साइन करने के दौरान सीएम ने दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट की विशेषताएं भी बताईं. सीएम शिवराज ने कहा कि खंडवा में बनने जा रहा यह सोलर पार्क अपने आप में अद्भुत है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अभी 'Heart of India' के नाम से जाना जाता है, मेरा सपना है कि इसे 'Lungs of India' बना दूं, इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है. उन्होंने कहा कि मैं सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाले सभी निवेशकों को MP में आमंत्रित करता हूं. सीएम ने कहा कि-
-2012 में नवीनीकृत ऊर्जा की हमारी क्षमता थी 500 मेगावाट से कम लेकिन अब हमने उस में 10 गुना वृद्धि करके आज 5000 मेगावाट से ज्यादा की उत्पादन क्षमता विकसित कर ली है.
- मेरा कमिटमेंट है कि 2027 तक प्रदेश अपनी नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20000 मेगावाट कर लेगा.
- इस सोलर पावर प्लांट से लगभग 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकता है.
- यह 1 करोड़ 92 लाख पेड़ लगाने के बराबर होगा.
- फ्लोटिंग सोलर पैनल बिछाने के लिए जमीन की जरूरत ही नहीं है. इसलिए विस्थापन भी शून्य होगा.
- डैम के पानी पर सोलर पैनल बिछाने से बिजली भी बनेगी और पानी भी बचेगा.
- भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होती है, उतना पानी हमारे इस पावर प्लांट के कारण ओंकारेश्वर में बचेगा.