ईटानगर :केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 अगस्त को खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन- पाम ऑयल (एनएमईओ-ओपी) को मंजूरी दी थी. जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि अगले पांच वर्ष में पाम तेल की घरेलू खेती को बढ़ावा दिया जा सके.
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने वन क्षेत्र पर पाम तेल की खेती का प्रभाव होने के डर को दूर करते हुए कहा कि इसका कोई असर होने की संभावना नहीं है क्योंकि इस उद्देश्य के लिए चिन्हित क्षेत्रों में केवल बंजर भूमि शामिल है.
बयान में कहा गया है कि उन्होंने मंगलवार को सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्री जी किशन रेड्डी की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए यह दलील दी.
खांडू ने कहा कि केंद्र सरकार की एक समिति पहले ही, अरुणाचल प्रदेश में पाम तेल की खेती के लिए 1.33 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि की पहचान कर चुकी है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों को बताया कि राज्य में 25 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र है, जिसमें से केवल 2.5 लाख हेक्टेयर ही उपयोग में लाया जा सका है.