Khalistani Referendum Canceled : कनाडा ने रद्द किया सरे में होने वाला विवादास्पद खालिस्तान जनमत संग्रह
भारत के खिलाफ खालिस्तानी साजिश को झटका लगा है. कनाडा में 10 सितंबर को होने वाला जनमत संग्रह रद्द कर दिया गया है (Khalistani Referendum Canceled). जनमत संग्रह को लेकर भाजपा ने विरोध जताया था.
चंडीगढ़:खालिस्तानी समर्थक विदेशों से अपनी गतिविधियों को अंजाम देकर भारत की शांति भंग करने का एजेंडा बनाते रहते हैं. खालिस्तानी समर्थकों ने 10 सितंबर को कनाडा के तमनविस सेकेंडरी स्कूल में भारत के खिलाफ जनमत संग्रह के लिए वोट करने की घोषणा की थी. हालांकि अब इसे रद्द कर दिया गया है (Khalistani Referendum Canceled).
आपको बता दें कि नियमित मतदान का समय भी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया था. जनमत संग्रह की तैयारियों को लेकर खालिस्तानी समर्थक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो भी पोस्ट कर रहे थे.
बीजेपी ने किया था विरोध: कनाडा के तमनविस सेकेंडरी स्कूल में होने वाले जनमत संग्रह मतदान को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता आरपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की थी. चुप्पी बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने कहा था कि ट्रूडो इस जनमत संग्रह की इजाजत देकर आग से खेल रहे हैं. इसके बाद एक और सोशल मीडिया पोस्ट एक्स के जरिए बीजेपी नेता आरपी सिंह ने जनमत संग्रह रद्द करने को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है.
इस पोस्ट में लिखा है '10 सितंबर को सरे के एक स्कूल में होने वाला प्रस्तावित खालिस्तान जनमत संग्रह कार्यक्रम आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया गया है.'
सरे स्कूल बोर्ड के एसोसिएट डायरेक्टर, कम्युनिकेशंस, रितिंदर मैथ्यू ने कहा, 'किराये के समझौते का उल्लंघन करने के लिए हमारे एक स्कूल का सामुदायिक किराया एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया है. समस्या को सुलझाने के बार-बार प्रयास करने के बावजूद, कार्यक्रम आयोजक इन छवियों को हटाने में विफल रहे, और सामग्री पूरे सरे और सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाती रही. एक स्कूल जिले के रूप में, हमारा प्राथमिक मिशन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सहायता प्रदान करना और हमारे स्कूल समुदायों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है. हमारी सुविधाओं को किराए पर लेने वाले किसी भी व्यक्ति को इसका अनुपालन करना होगा.'
इससे पहले आरपी सिंह ने साफ शब्दों में जनमत संग्रह का विरोध करते हुए कहा था, 'भारत को तोड़ने के लिए जनमत संग्रह कराने के लिए भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऐसे तत्वों द्वारा सरकारी स्कूलों का उपयोग किया जा रहा है. यह कनाडा को दुनिया का पहला देश बनाता है जहां भारत की एकता और अखंडता पर हमला करने के लिए स्कूल बोर्डों, शहरों और प्रांतीय सरकारों के समर्थन से सरकारी बुनियादी ढांचे का खुले तौर पर उपयोग किया जा रहा है.'