धर्मशाला: तपोवन स्थित हिमाचल विधानसभा भवन (himachal assembly tapovan dharamshala) के बाहर खालिस्तानी झंडे (khalistan flag on himachal assembly gate ) लगाने का मामला सामने आया है. मामला शनिवार देर रात का है. सुबह होते ही जब स्थानीय लोगों को इस बारे में पता चला तो मामले की सूचना पुलिस को दी गई है. मामले की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची.
खालिस्तानी झंडा जब्त कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है. हालांकि विधानसभा गेट के पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है. फिर भी पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. विधानसभा की दीवारों पर भी खालिस्तान लिखा गया है. ये झंडे किसने यहां पर लगाए हैं, फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है. योल पुलिस चौकी के प्रभारी ने बताया कि तपोवन मेन गेट के पास कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ था, लेकिन आसपास की कुछ दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
एसआईटी का गठन: मामले की जांच एसआईटी करेगी. एसआईटी डीआईजी संतोष पटियाल के नेतृत्व में गठित की गई है. जिसमें एएसपी कांगड़ा पुनीत रघु, एसडीपीओ ज्वालाजी चंद्र पॉल, डीएसपी सीआईडी मंडी सुशांत शर्मा, एसडीपीओ ज्वाली सिद्धार्थ शर्मा, एसएचओ धर्मशाला राजेश कुमार और एसआई नारायण सिंह कमेटी के सदस्य होंगे. डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि एसआईटी मामले की जांच करेगी. आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हिमाचल विधानसभा के गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाए जाने की घटना पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, ''धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूं. इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है. इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.''
जयराम ठाकुर ने कहा कि घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. सीएम जयराम ठाकुर ने चुनौती देते हुए कहा कि मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं.
खालिस्तान का झंडा फहराने की दी गई थी धमकी:बता दें कि इससे पहले मार्च महीने में सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) के अध्यक्ष गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेतावनी पत्र भेजा था. मुख्यमंत्री को भेजे गए धमकी पत्र में 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तान का झंडा फहराने की चेतावनी दी गई थी. पत्र के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस की ओर से शिमला में खालिस्तान का झंडा फहराने के लिए 50 हजार डॉलर जुटाने की बात भी कही गई थी.