लखनऊ:यूपी की योगी सरकार-2 (Yogi government of UP) में केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने दोबारा डिप्टी सीएम (Deputy CM again) बनाया है. राज्य में ओबीसी का बड़ा चेहरा बने मौर्य हिंदुत्व के भी फायर ब्रांड (Fire brand leader of Hindutva) नेता हैं. उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा.
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य के एक साधारण परिवार से होने के कारण है उन्हें परेशानियों से दो-चार होना पड़ा. अपने शुरुआती दौर में उन्हें गुजारे के लिए अखबार और चाय तक बेचनी पड़ी थी. अखबार बांटने से लेकर भाजपा की ओर उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने तक के इस सफर में केशव प्रसाद मौर्य का सफर काफी दिलचस्प है. वे 18 सालों तक विश्व हिंदू परिषद में रहे. केशव मौर्य को अशोक सिंघल का करीबी माना जाता था. वहीं, उनका जन्म एक किसान परिवार में 7 मई, 1969 को कौशांबी जिले के सिराथू में हुआ था.
बजरंग दल से की शुरुआत:मौर्य ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बजरंग दल से की और इसके बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए. यहां से वह विश्व हिन्दू परिषद के साथ जुड़े और करीब 18 सालों तक प्रचारक रहे. इस दौरान उन्होंने श्रीराम जन्म भूमि और गोरक्षा व हिन्दू हितों के लिए अनेकों आन्दोलन किए और इसके लिए जेल भी गए. कहा जाता है कि सक्रिय राजनीति में उन्हें अशोक सिंघल के करीबी होने का फायदा भी मिला.