तिरुवनंतपुरम : देश में आगामी राष्ट्रपति चुनाव में केरल एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां से विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सारे वोट मिलेंगे. चूंकि, यहां से भाजपा या उसके सहयोगी पार्टियों से कोई विधायक या सांसद नहीं हैं. ऐसे में एलडीएफ और यूडीएफ का एक-एक वोट 18 जुलाई को यशवंत सिन्हा को जाएगा. सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ के 99 विधायक हैं और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के पास 41 विधायक हैं.
केरल में एलडीएफ और यूडीएफ के विधायकों से मिलते यशवंत सिन्हा जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा अपने चुनाव अभियान की शुरुआत केरल से कर दी है. केरल के उद्योग मंत्री पी राजीव ने हवाई अड्डे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुधवार को केरल से अपने अभियान की शुरुआत की. वह तिरुवनंतपुरम में व्यक्तिगत रूप से एलडीएफ और यूडीएफ दोनों पार्टियों के विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की. बैठक के बाद राजधानी में सिन्हा पत्रकार सम्मेलन करेंगे.
केरल में एलडीएफ और यूडीएफ के विधायकों से मिलते यशवंत सिन्हा गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस के केरल से 19 सांसद और एलडीएफ से एक सांसद हैं. राज्यसभा में एलडीएफ के सात सांसद हैं और कांग्रेस के दो, ऐसे में सभी 29 सांसद यशवंत सिन्हा को ही वोट देंगे. 2017 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान, सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद को केरल से एक वोट मिला क्योंकि भाजपा के पास ओ राजगोपाल विधानसभा में एकमात्र सदस्य थे. केरल भाजपा के नेता वी मुरलीधरन, जो अब विदेश राज्य मंत्री हैं, महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं. वहीं, कांग्रेस के एक अन्य नेता के. सी. वेणुगोपाल ने राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट जीती है.
केरल में एलडीएफ और यूडीएफ के विधायकों से मिलते यशवंत सिन्हा बता दें कि भारत में कोई अन्य राज्य विपक्षी उम्मीदवार को अपना पूरा वोट नहीं देगा, क्योंकि हर दूसरे राज्य में बीजेपी के पास अपने विधायक और सांसद हैं या उनके सहयोगियों के माध्यम से समर्थन है.