कोझीकोड : केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन कुछ दिन की बारिश के बाद अब मानसून कमजोर पड़ने लगा है. इस साल 15 जून तक केवल 109.7 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड किया गया, जो कि पिछले पांच वर्षों में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है. केरल में 2018 में 343.7 मिमी, 2019 में 175.4 मिमी, 2020 में 230 मिमी और 2021 में 161.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. केरल में कम बारिश का मतलब उन राज्यों में गंभीर बारिश की कमी हो सकती है, जो अपनी पानी की जरूरतों के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून पर निर्भर हैं.
कोचीन विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अभिलाष के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में हवाओं की कमी मानसून की बारिश में कमी का मुख्य कारण है. बारिश लाने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में 40 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से हवा होनी चाहिए. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के गठन के कारण हवाएं गति पकड़ती हैं, लेकिन इस बार दबाव कम है.