एर्नाकुलम : कहा जाता है कि अगर एक महिला शिक्षित और सुरक्षित रहे तो वह पूरे परिवार को शिक्षित और सुरक्षित बना सकती है. यूं तो शिक्षा के मामले में केरल हमेशा से भारत का अग्रणी राज्य रहा है, लेकिन इस बार स्वच्छता के पैमाने पर केरल ने उल्लेखनीय काम किया है. एर्नाकुलम जिले की एक पंचायत देश की पहली ऐसी पंचायत बनी है, जिसे सैनिटरी पैड से मुक्त घोषित किया गया है. सफलता की यह कहानी है एर्नाकुलम के कुंबालंगी पंचायत की.
एर्नाकुलम का कुंबालंगी पंचायत छोटी झील के किनारे है. यह फहद फाजिल की फिल्म 'कुंबलंगी नाइट्स' (Fahad Fazil movie Kumbalangi Nights) की रिलीज के बाद सुर्खियों में आई. कुंबालंगी को भारत की पहली सैनिटरी नैपकिन मुक्त पंचायत होने का गौरव हासिल हुआ है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कुंबालंगी पंचायत को सैनिटरी नैपकिन मुक्त घोषित किया.
दरअसल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की मदद से लागू की गई परियोजना, 'अवलक्कयी' (उसके लिए) Avalkkayi' (For her) के तहत पंचायत में रहने वाली महिलाओं को मेंसुरल कप बांटे गए. मेंसुरल कप उन सभी महिलाओं के बीच बांटे गए जिन्हें पीरियड्स, माहवारी या मासिक धर्म होता है. ऐसा करने से कुंबालंगी पंचायत में सैनिटरी नैपकिन का उपयोग पूरी तरह से समाप्त हो गया है.
एर्नाकुलम में अवलक्कयी (Avalkkayi in ernakulam) परियोजना के तहत, कुंबालंगी पंचायत में 5000 से अधिक मेंसुरल कप वितरित किए गए हैं. इस परियोजना में 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के बीच मेंसुरल कप बांटने की परिकल्पना की गई है.
महिलाओं को सैनिटरी नेपकिन की जगह मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cups) के इस्तेमाल से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए कुंबालंगी पंचायत में जागरूकता अभियान भी चलाया गया है. कुंबालंगी पंचायत की महिलाओं को बताया गया है कि मेंस्ट्रुअल कप (menstrual cups) पर्यावरण के अधिक अनुकूल है.