तिरुवनंतपुरम : केरल राज्य साक्षरता अभियान के तहत सबसे उम्रदराज विद्यार्थी (Kerala Oldest literacy learner) बनकर इतिहास रचने वाली 101 साल की कात्यायनी अम्मा का 10 अक्टूबर को तटीय अलप्पुझा में उनके आवास पर निधन हो गया. ऐसी जानकारी है कि वह मस्तिष्काघात के बाद कुछ समय से बिस्तर पर थीं. कात्यायनी अम्मा को दक्षिणी राज्य के साक्षरता अभियान के तहत न केवल 96 साल की उम्र में पढ़ाई करने के लिए शोहरत मिली बल्कि उन्होंने ‘अक्षरालक्षम’ परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक भी हासिल किए थे जो चौथी कक्षा की परीक्षा के समान होती है.
वह अलप्पुझा जिले के चेप्पाड गांव में परीक्षा देने वाले 43,330 विद्यार्थियों में से सबसे उम्रदराज थीं. उन्हें मार्च 2020 में महिला दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नारी शक्ति पुरस्कार भी मिला था. 2019 में वह ‘कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग गुडविल एम्बेसडर’ भी बनीं. उनके निधन पर शोक जताते हुए बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने पुरस्कार जीतने के बाद उनसे हुई एक मुलाकात को याद किया जिसमें उन्होंने आगे पढ़ने और 10वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद नौकरी करने की इच्छा जतायी थी.
विजयन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, 'उन शब्दों में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प था.' उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भी एक शोक संदेश पोस्ट किया और कहा कि कात्यायनी अम्मा चुनौतियों के बावजूद पढ़ाई करने के अपने अटूट संकल्प के कारण कई लोगों के लिए प्रेरणादायक आदर्श बनीं. मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य साक्षरता अभियान के तहत सबसे उम्रदराज विद्यार्थी बनकर इतिहास रचने वाली कात्यायनी अम्मा के निधन से बहुत दुखी हूं. वह चुनौतियों के बावजूद पढ़ाई करने का अटूट संकल्प दिखाते हुए कई लोगों के लिए प्रेरणादायक आदर्श बनीं."
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उन्होंने कहा, "उनका निधन हमारे साक्षरता अभियान के लिए बड़ी क्षति है जिसने आधुनिक केरल को आकार देने में मदद की. गहन संवेदनाएं." राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी ने भी कात्यायनी अम्मा के निधन पर शोक जताया. उन्होंने कहा, "अम्मा ऐसी परिस्थितियों में पली-बढ़ीं जहां वह पढ़ाई नहीं कर सकीं और 96 साल की उम्र में साक्षर बनीं, वह दृढ़ संकल्प का एक प्रतीक हैं." केरल में अलप्पुझा के हरीपद नगरपालिका की रहने वाली कात्यायनी अम्मा के पति का निधन पहले हो चुका था. छह संतानों की इस मां अपने गांव में मंदिरों के बाहर सड़कों पर झाडू लगाकर अपने बच्चों का लालन-पालन किया.