तिरुवनंतपुरम : केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति से कहा कि वह अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने आठ कुलपतियों की ओर से दायर आपात याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यपाल की ओर से कुलपतियों को दिया गया निर्देश उचित नहीं था. गौरतलब है कि राज्यपाल ने इन आठ कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी.
अदालत ने विशेष सुनवाई के दौरान कहा, 'वे अपने पद पर बने रहने के पात्र हैं.' अदालत ने पाया कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन नवंबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्यों न उन्हें पद से हटा दिया जाए. इस आधार पर अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है. अदालत ने कहा कि कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया का पालन करके कार्रवाई की जा सकती है. कुलपतियों ने अदालत से कहा था कि 24 घंटों के अंदर इस्तीफा देने का राज्यपाल का निर्देश पूरी तरह अवैध था.
गौरतलब है कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सोमवार सुबह 11.30 बजे तक इस्तीफा देने का निर्देश दिया था. उन्होंने यह निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के बाद दिया.