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Scissors in stomach case: पेट में कैंची छोड़ने का मामला, 104 दिन से धरना दे रही महिला ने खत्म किया अनशन

केरल में डिलीवरी कराने के दौरान महिला के पेट में कैंची छोड़ने के मामले में अनशन खत्म हो गया है (Scissors in stomach case). डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ महिला 104 दिन से धरने पर बैठी थी. पढ़ें पूरी खबर.

Victim woman Harshina
पीड़ित महिला हर्षिना

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 6:29 PM IST

कोझिकोड:डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक महिला 104 दिन से धरने पर बैठी थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसके बाद उसने धरना समाप्त कर दिया है. दरअसल डॉक्टरों ने डिलीवरी सर्जरी के दौरान उसके पेट में कैंची छोड़ दी थी. 2017 के अंत की घटना पर पुलिस ने दो डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ कुन्नमंगलम अदालत में आरोप पत्र दायर करने के बाद उसने धरना खत्म करने का निर्णय लिया (Scissors stuck in stomach case).

हर्षिना ने कहा कि 'हड़ताल पूरी तरह सफल रही और उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद'. हर्षिना ने 22 मई को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह हड़ताल शुरू की थी.

इस बीच, राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य से कई प्रमुख लोग हर्षिना के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए विरोध स्थल पर आए. हड़ताल के 100वें दिन की शुरुआत अनुभवी मलयालम अभिनेता और निर्देशक जॉय मैथ्यू ने थिरुवोनम दिवस (केरल क्षेत्रीय फसल उत्सव दिवस) पर की थी.

इस मामले में आरोपियों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के सहायक आयुक्त (एसीपी) के. सुदर्शन के सामने पेश होने को कहा गया है. एसीपी ने मीडिया से कहा कि आरोपियों से और पूछताछ की जरूरत है. आरोपियों में मनचेरी मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. रामेसन सीके, डॉ. शाहना एम, जो वर्तमान में कोट्टायम के एक निजी अस्पताल में कार्यरत हैं, और रहाना एम. और मंजू केजी नर्सें हैं. ये अभी भी कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के प्रसूति देखभाल केंद्र में कार्यरत हैं.

सभी आरोपी उस टीम का हिस्सा थे जिसने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में हर्षिना की तीसरी डिलीवरी की सर्जरी की थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मेडिकल लापरवाही अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है.आरोपियों के बयान दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने जिन धाराओं में केस दर्ज किया है उसमें आरोपियों के खिलाफ दो साल तक की सजा का प्रावधान है.​

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