कोच्चि : केरल हाईकोर्ट के फैसले से राज्य की पी विजयन सरकार को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उस अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसके तहत राज्य सरकार ने ईडी के खिलाफ न्यायिक आयोग का गठन कर दिया था. आयोग का काम मुख्यमंत्री का नाम गोल्ड स्कैम में शामिल करने के परिणामों की समीक्षा करना था. सात मई को अधिसूचना जारी की गई थी. हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वीके मोहनन को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था.
न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार ने कहा कि सिर्फ केंद्र सरकार को ऐसे मामलों में न्यायिक आयोग गठन करने का अधिकार है. ईडी ने अपनी दलील में कहा था कि अनुसूची एक में दर्ज विषयों पर सिर्फ केंद्र सरकार ही फैसला ले सकती है. इसलिए राज्य को कमीशन ऑफ एन्क्वॉयरी एक्ट के तहत ईडी के खिलाफ आयोग गठन करने का अधिकार नहीं है.
राज्य सरकार ने ईडी की याचिका पर ही सवाल खड़े कर दिए थे. सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार का एक विभाग किसी राज्य के खिलाफ याचिका नहीं दायर कर सकता है. विभाग कोई कॉरपोरेट बॉडी नहीं है जो यह कार्य कर सकता है. ईडी कोई कानूनी व्यक्ति नहीं है. हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को नकार दिया.
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वीके मोहनन को राज्य द्वारा कथित अपराध की जांच के लिए न्यायिक आयोग की अध्यक्षता करने के लिए नियुक्त किए जाने के बाद याचिका दायर की गई थी.
न्यायिक जांच का आदेश दिया गया था ताकि जांच की जा सके कि ईडी और सीमा शुल्क विभाग ने मुख्यमंत्री को झूठा फंसाने का कथित प्रयास किया था.