एर्नाकुलम : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने बुधवार को कहा कि फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रेगेशन (एफसीसी) के कान्वेंट से बेदखली के मामले में सिस्टर लूसी कलप्पुरा को किसी प्रकार का पुलिस संरक्षण प्रदान नहीं किया जा सकता है. सिस्टर लूसी को एफसीसी से निष्कासित कर दिया गया है और इस समय कान्वेंट में रह रही हैं.
अदालत ने कहा कि पुलिस कॉन्वेंट के बजाय किसी अन्य निवास स्थान पर उनके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा कर सकती है. न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन ने कहा कि यदि वह कॉन्वेंट में रहने का इरादा रखती हैं तो पिछले साल पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का उच्च न्यायालय का आदेश अब और आदेश जारी नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि अगर वह अनुशासनहीनता के आरोप लगाने वाले कॉन्वेंट में रहना जारी रखती हैं, तो वहां के कर्मचारियों या अधिकारियों के साथ उनका टकराव जारी रहेगा.
व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखने वाली नन ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने निष्कासन के आदेश को एक दीवानी अदालत में चुनौती दी है और जब तक इसपर फैसला नहीं हो जाता तब तक वह कॉन्वेंट में रहना चाहती हैं.