तिरुवनंतपुरम : केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के निजी सचिव की पत्नी की कन्नूर विश्वविद्यालय में मलयालम एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में प्रस्तावित नियुक्ति के खिलाफ फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस नियुक्ति को अवैध ठहराया.
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि संबंधित उम्मीदवार प्रिया वर्गीज के पास विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विनियम 2018 के तहत निर्धारित प्रासंगिक अवधि का वास्तविक शिक्षण अनुभव नहीं था. अदालत ने कहा, 'शिक्षण अनुभव केवल एक वास्तविक तथ्य हो सकता है, न कि कल्पना या अनुमान. इसे वास्तविक होना चाहिए और इसका अनुमान या निहितार्थ नहीं लगाया जा सकता है.'
अदालत ने सक्षम प्राधिकारी को वर्गीज की योग्यता पर पुनर्विचार करने और यह तय करने का निर्देश दिया कि क्या उन्हें रैंकिंग सूची में होना चाहिए. अदालत ने कहा, 'इस तरह की जांच पूरी होने और रैंकिंग सूची को उपयुक्त रूप से संशोधित करने पर, नियुक्ति करने के लिए आगे की कार्रवाई की जा सकती है.' वर्गीज मुख्यमंत्री के निजी सचिव के. के. रागेश की पत्नी हैं. विश्वविद्यालय की अंक सूची में वर्गीज के बाद दूसरे स्थान पर रहने वाले जोसेफ स्कारिया द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश आया.
वर्गीज को विश्वविद्यालय द्वारा मलयालम विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया था, और इसे लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था क्योंकि उनके (वर्गीज के) शोध अंक न्यूनतम थे जबकि साक्षात्कार के दौर में उन्हें सर्वाधिक अंक मिले थे और उन्हें चयन प्रक्रिया में प्रथम घोषित किया गया था. राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी थी और आरोप लगाया था कि कन्नूर विश्वविद्यालय का उन्हें नियुक्त करने का कदम 'राजनीतिक' था.
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