नई दिल्ली :केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की राज्य सरकार की मांग को ठुकरा दिया. संवैधानिक विशेषज्ञ ने संवैधानिक रूप से राज्यपाल के निर्णय को गलत बताया है.
निर्वाचित सरकार को है अधिकार
ईटीवी भारत से पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी आचार्य ने कहा कि राज्यपाल का निर्णय संवैधानिक रूप से गलत है. राज्यपाल विधानसभा को बुलाने की मांग को खारिज नहीं कर सकते. विधानसभा को बुलाने के लिए उन्हें मंत्री परिषद की सिफारिश पर कार्रवाई करनी होगी. निर्वाचित सरकार को विधानसभा सत्र की तारीखों को तय करने का अधिकार है. जब वे किसी विशेष तारीख की सिफारिश करते हैं तो राज्यपाल को यह स्वीकार करना होगा और उन्हें विधानसभा बुलानी होगी.
सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में यह स्पष्ट
पीडीटी आचार्य ने कहा कि यह संवैधानिक प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में यह स्पष्ट है. इसलिए, इस पर शायद ही कोई संदेह है. यह अच्छी तरह से व्यवस्थित संवैधानिक प्रावधान है कि राज्यपाल को इस मामले में मंत्री परिषद की सिफारिश के अनुसार कार्रवाई करनी होगी. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि विशेष विधानसभा सत्र की अनुमति नहीं देने का निर्णय खेदजनक है. 21 दिसंबर को मंत्रिमंडल ने 3 दिसंबर को विधानसभा की बैठक बुलाने के लिए राज्यपाल को सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल ने विधानमंडल को बुलाने के उद्देश्य पर प्रश्न उठाने के बाद सिफारिश को ठुकरा दिया.
कभी किसी ने इनकार नहीं किया
पूर्व लोकसभा महासचिव ने कहा कि मुझे कोई भी अवसर याद नहीं है, जब राज्यपाल ने मंत्रियों की परिषद द्वारा विधानसभा बुलाने की मांग से इनकार किया हो. उन्होंने कहा कि राजस्थान मामले को छोड़कर, जहां राज्यपाल ने एक और तारीख का सुझाव दिया था. वह सरकार द्वारा सुझाई गई तारीख पर विधानसभा को बुलाने के लिए तैयार नहीं थे. मेरी सामान्य स्मृति में कोई अन्य मामला नहीं है, जहां राज्यपाल ने विधानसभा बुलाने से इनकार किया हो.