तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लोकायुक्त की शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य में वाम सरकार के अध्यादेश को सोमवार को अपनी मंजूरी दे दी. राज्यपाल के फैसले की विपक्षी दल कांग्रेस ने आलोचना की और उसने आरोप लगाया गया था कि सत्तारूढ़ वाम सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच एक सौदा हो गया है और वे कानूनी रूप से इसके खिलाफ लड़ेंगे. सत्तारूढ़ वाम दलों की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने भी इस कदम पर नाखुशी जाहिर की.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोकायुक्त के मुद्दे को लेकर रविवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की थी और उन्हें उन परिस्थितियों के बारे में बताया था जिसके कारण लोकायुक्त कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाना पड़ा. सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल के कार्यालय ने खान के अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने की पुष्टि की है. विपक्षी दल कांग्रेस राज्यपाल से अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह करती रही है. उसका कहना है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली सरकार ऐसे समय में इसे लागू करने की कोशिश कर रही है, जब सरकार की कई अनियमितताओं की शिकायतें लंबित हैं.
भाकपा की राज्य इकाई के सचिव कनम राजेंद्रन ने संवाददाताओं से कहा, हमने एक अलग रूख नहीं अपनाया है, लेकिन एक सवाल उठाया है कि ऐसी क्या आपात स्थिति थी जिस वजह से सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा. हमें उम्मीद है कि जब विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा तो सरकार एक बयान जारी करेगी कि क्यों एक अध्यादेश तत्काल लाया गया.