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केरल के राज्यपाल ने आलोचनात्मक बयानों के लिए विजयन पर साधा निशाना

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि विजयन कम से कम अब पर्दे के पीछे से खेल खेलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.

Kerala Governor hits out at Vijayan for his critical remarks
केरल के राज्यपाल ने आलोचनात्मक बयानों के लिए विजयन पर साधा निशाना

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Published : Sep 17, 2022, 11:25 AM IST

कोच्चि: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर शनिवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि विजयन कम से कम अब पर्दे के पीछे से खेल खेलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. राज्यपाल के बयान से एक दिन पहले, विजयन ने खान द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों की नियुक्ति प्रक्रिया में कथित भाई-भतीजावाद पर दिए बयान को 'बेतुका' बताते हुए उनकी आलोचना की थी.

खान ने शनिवार सुबह यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह इस बात से बहुत खुश हैं कि मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय नियुक्तियॉ पर बयान दिया.
उन्होंने कहा, 'मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं, क्योंकि वह कम से कम अब पर्दे के पीछे से खेल खेलने की कोशिश नहीं कर रहे.' स्पष्ट रूप से नाराज नजर आ रहे राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ कुलपतियों से कुलाधिपति के आदेशों की अवहेलना करने को कहा और उन कुलपतियों जैसे छद्म माध्यमों का इस्तेमाल करने के बजाय विजयन कम से कम अब सामने आए हैं.

खान ने आरोप लगाया कि कुछ समय पहले कन्नूर विश्वविद्यालय में उन पर शारीरिक हमला करने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस को इस संबंध में मामला दर्ज करने से रोका गया. उन्होंने कहा, 'पुलिस का कर्तव्य क्या था? मामला दर्ज करना. पुलिस को मामला दर्ज करने से किसने रोका? गृह विभाग किसके पास था ? राज्यपाल के कार्यकाल को कौन बदनाम करने और नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है. आपने मुझ पर दबाव बनाने और मुझे डराने के लिए हर पैंतरा अपनाने की कोशिश की.'

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विजयन ने शुक्रवार को कहा था कि राज्यपाल को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए. खान के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था, 'क्या राज्यपाल होने का यही मतलब है?' राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि हाल में राज्य विधानसभा द्वारा पारित किये गए विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को वह मंजूरी नहीं देंगे. उन्होंने कहा था कि इस विधेयक के जरिये अवैध कार्यों को कानूनी जामा पहनाने की कोशिश की जा रही है और इससे मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रियों के कर्मचारियों के 'अयोग्य रिश्तेदारों' की नियुक्ति का रास्ता खोला जा रहा है.

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