तिरुवनंतपुरम : महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, खासकर कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ऐसे अपराधों में जो वृद्धि हुई है उसके मद्देनजर केरल सरकार ने सार्वजनिक, निजी और साइबर क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सोमवार को एक व्यापक कार्यक्रम की शुरुआत की.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 'पिंक प्रोटेक्शन' नाम की इस परियोजना की शुरुआत पुलिस मुख्यालय के सामने उन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर की, जो इस अभियान में शामिल अधिकारियों को सौंपे जाएंगे. इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अनिल कांत समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे. एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया गया कि महिला सुरक्षा अभियान के लिए सरकार ने दस कार, 40 दो पहिया वाहन तथा 20 साइकिल दी हैं.
'पिंक प्रोटेक्शन' दहेज उत्पीड़न, साइबर धमकी और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं पर अत्याचार को रोकने से संबंधित अभियान है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि नई पहल के तहत इस वर्तमान अभियान को और भी मजबूत बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी देखी गई और पिंक प्रोटेक्शन अभियान ऐसे मुद्दों से निबटने से संबंधित है.
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वक्तव्य में बताया गया कि विशेष रूप से प्रशिक्षित पिंक बीट अधिकारी सार्वजनिक स्थलों पर मौजूद रहेंगे और सभी 14 जिलों में पिंक नियंत्रण कक्ष होगा. इस अभियान से जुड़ा गश्ती दल भीड़भाड़ वाले स्थलों पर असामाजिक तत्वों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा.