बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट के एक आदेश को रद्द कर दिया है. मजिस्ट्रेट ने कर्नाटक पुलिस को विजेश पिल्लई के खिलाफ बिना कोई कारण दर्ज किए गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज करने की अनुमति दी गई थी. केरल सोना तस्करी की आरोपी स्वप्ना सुरेश ने विजेश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. न्यायमूर्ति एम नागप्रसाना इस मामले की सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने पुलिस की मांग पर मामले में नए सिरे से उचित आदेश पारित करने के लिए मामले को मजिस्ट्रेट को वापस भेज दिया. कोर्ट ने मजिस्ट्रेट से फैसला लेने से पहले निर्धारित दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखने को कहा है.
स्वप्ना ने 11 मार्च, 2023 को केआर पुरम पुलिस में विजेश के खिलाफ शिकायच दर्ज करायी थी. स्वन्ना का आरोप था कि पिल्लै ने उन्हें धमकाया और जान से मारने की धमकी थी. इसके बाद, पुलिस अधिकारी ने मजिस्ट्रेट से आईपीसी की धारा 506 के तहत अपराध दर्ज करने की अनुमति मांगी, जो कि सीआरपीसी की धारा 155 के तहत अनिवार्य प्रक्रिया है. एसएचओ की मांग पर मजिस्ट्रेट ने अनुमति दी. स्वप्ना का आरोप है कि पिल्लई ने उसे 4 मार्च को व्हाइटफील्ड मेन रोड के एक स्टार होटल में मिलने के लिए कहा था.
उन्होंने कथित तौर पर कहा कि उन्हें पार्टी (सीपीआई-एम) के सचिव गोविंदन ने भेजा गया था. स्वप्ना के आरोप के मुताबिक, विजेश ने उन्हें केरल के मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई बयान नहीं देने को कहा. इसके एवज में विजेश ने स्वप्ना को अंतिम समझौते के रूप में 30 करोड़ रुपये की पेशकश भी की थी. स्वप्ना ने कहा कि विजेश ने उसे एक हफ्ते के अंदर बेंगलुरु छोड़ देने को कहा. स्वप्ना ने कहा कि उसने उसे यह कहते हुए धमकी दी थी कि वह उसके सामान में कंट्राबेंड डालकर उसके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करेगा.