केरल वन विभाग ने किसान को मारकर खाने वाले नरभक्षी बाघ को किया पिंजरे में कैद - man eating tiger
केरल के वायनाड में केरल वन अधिकारियों ने एक नरभक्षी बाघ को पकड़ने में सफलता पाई है. केरल वन विभाग पिछले 10 दिनों से इस बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रहा था. बाघ के पकड़े जाने के बाद अब ग्रामीण इसे मारने की मांग पर उतर आए. इस बाघ यहां गांव के एक किसान को मारकर खा लिया था. Human Killer Tiger, Human Killer Tiger in Kerala, Kerala Forest Department
वायनाड:केरल के वायनाड में 10 दिनों की गहन खोज के बाद केरल वन अधिकारी कुडाल्लूर के नरभक्षी बाघ को पिंजरे में कैद करने में कामयाब रहे. यह बाघ कूडाल्लूर कॉलोनी के पास लगाए गए पिंजरे में फंस गया. बाघ को पकड़ने के मिशन के तहत लगाया गया, यह पहला पिंजरा था. एक बड़ी कवायद के तहत वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 25 कैमरे लगाए थे.
इस बाघ को पकड़ने के लिए जीवित चारे के साथ 3 पिंजरे भी लगाए गए थे, जिसने कथित तौर पर दक्षिण वायनाड वन प्रभाग के अंतर्गत कूडाल्लूर और कल्लूर कुन्नू क्षेत्रों में एक किसान को मार डाला था और मवेशियों पर हमला किया था. पिछले दिनों इस इलाके में बाघ के पैरों के निशान देखे गए थे. वन विभाग के विशेषज्ञों की 80 सदस्यीय विशेष टीम ने लगभग एक सप्ताह तक इस बाघ को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया.
बाघ को पकड़ने के लिए स्थानीय लोग वन रक्षकों के प्रयासों में उनका पूरा समर्थन करते रहे, लेकिन बाघ को पकड़ने के बाद स्थानीय लोग उसे मारने की मांग पर उतर आए. उनका कहना था कि वह बाघ को मारे बिना जाने नहीं देंगे. स्थानीय लोगों द्वारा इस मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया.
विरोध प्रदर्शन के बीच वन विभाग ने पिंजरे में बंद बाघ को बाघ प्रबंधन केंद्र ले जाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. बताया जा रहा है कि वन अधिकारियों ने इस बाघ की पहचान WWL 45 के तौर पर की है.
मुख्य वन्य जीव वार्डन ने इस बाघ को मारने या पकड़ने के लिए गोली मारने का आदेश जारी किया था. आपको बता दें कि वाकेरी निवासी और डेयरी किसान प्रजीश की पिछले शनिवार को इस बाघ ने उस समय मार दिया था, जब वह खेत से घास इकट्ठा कर रहे थे. उसका शव बाघ द्वारा आधा खाया हुआ मिला था.