अलप्पुझा (केरल) : केरल में अलप्पुझा के कुट्टानाड क्षेत्र में एक किसान ने कथित तौर पर धान की फसल का भुगतान नहीं मिलने और आर्थिक समस्याओं के कारण शनिवार को आत्महत्या कर ली. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि तकाझी के आंबेडकर कॉलोनी निवासी के जी प्रसाद ने शुक्रवार रात को जहर खा लिया, उसे तिरुवल्ला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शनिवार तड़के उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने अभी तक यह पुष्टि नहीं की है कि क्या आर्थिक संकट के कारण उसने यह कदम उठाया लेकिन प्रसाद के दोस्तों और अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि किसान को फसल की रकम सरकार से नहीं मिली थी और इसी के कारण उसने परेशान हो कर यह कदम उठाया. किसान द्वारा कथित तौर पर लिखा एक पत्र भी मिला है जिसमें उसने आरोप लगाया कि रास्य सरकार तथा कुछ बैंक उसकी मौत के जिम्मेदार हैं. यह पत्र आज सुबह कुछ समाचार चैनल ने अपनी खबर में दिखाया.
एक किसान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने उसे फसल का भुगतान नहीं किया बल्कि उसे ऋण के तौर पर धन दिया गया. एक अन्य किसान ने कहा, 'राज्य सरकार को इस ऋण राशि का भुगतान बैंक को करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. स्वाभाविक रूप से इससे प्रसाद का सिबिल स्कोर कम हो गया. जब उसने ऋण के लिए हाल में बैंक से संपर्क किया, तो बैंक अधिकारियों ने कम सिबिल स्कोर का हवाला देते हुए उसे धन देने से इनकार कर दिया.'
हालांकि पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इस बात की पुष्टि होनी अभी बाकी है कि किसान ने अर्थिक संकट के कारण यह कदम उठाया. उन्होंने बताया, 'हमें (परिजनों से)जो बयान मिला है, उसके अनुसार प्रसाद के करीबी किसी व्यक्ति का हाल में निधन हो गया था और इससे प्रसाद अवसाद में था.' किसान की मौत मामले से राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने इस मुद्दे पर एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) सरकार को जमकर घेरा.
खान ने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में किसानों के समक्ष घोर संकट है. सतीसन ने कहा कि सरकार धान की खरीद में विफल रही है और भुगतान कई माह से लंबित हैं. राज्यपाल ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, 'जो लोग जीवन भर इस राज्य की सेवा करते रहे उनकी पेंशन बंद कर दी गई, जो लोग सेवा में हैं उनका वेतन बंद कर दिया गया, लेकिन जिन्होंने दो साल तक मंत्रियों के निजी स्टाफ के रूप में काम किया है उन्हें सारा पैसा मिल रहा है.' उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह से काम कर रही है.
उन्होंने कहा, 'वे उत्सवों पर धन खर्च कर रहे हैं. अगर गरीब किसान...महिलाएं जिनके नाम समाज कल्याण विभाग की सूचियों में हैं,सरकार की प्राथमिकताओं में नहीं है तो मैं क्या कह सकता हूं? राज्य की जनता इसे देखेगी.' राजभवन के सूत्रों ने कहा कि खान प्रसाद के परिजन से मुलाकात करेंगे. कृषि मंत्री पी प्रसाद विदेश में हैं इसलिए इस मामले में उनसे बात नहीं हो सकी. नागरिक आपूर्ति मंत्री जी आर अनिल ने कहा कि वह ब्योरा मिलने के बाद ही इस पर कुछ कह सकेंगे.
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