तिरुवनंतपुरम :केरल में थालास्सेरी, गुरुवायूर और देवीकुलम निर्वाचन क्षेत्रों से बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले राजग उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को जांच के बाद निर्वाचन अधिकारियों ने खारिज कर दिया है.
राज्य में आगामी छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. कन्नूर जिले में थालास्सेरी और त्रिशूर जिले में गुरुवायुर में भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज होना पार्टी के लिए एक झटका माना जा रहा है.
वहीं केरल विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि सोमवार को समाप्त हो जाने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने समीकरण बनाने में लग गई हैं.
भाजपा राज्य में माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों के एक विकल्प के रूप में पेश कर रही है. इडुक्की जिले के देवीकुलम में बीजेपी के सहयोगी अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार धनलक्ष्मी के नामांकन को खारिज कर दिया.
भाजपा के पास थालास्सेरी से नहीं है कोई उम्मीदवार
भाजपा के एन हरिदास थालास्सेरी से पार्टी के उम्मीदवार थे. नामांकन खारिज होने के साथ ही थालास्सेरी में पार्टी का अब कोई उम्मीदवार नहीं है. यहां 2016 के विधानसभा चुनावों में एनडीए ने 20 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे.
प्रदेश नेताओं के हस्तक्षेप से बागियों ने नाम वापस लिए
इसी बीच, कांग्रेस के बागी उम्मीदवार जिन्होंने कोझीकोड में इलाथुर निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन दाखिल किया था, सोमवार को नामांकन वापस ले लिया. इसी तरह केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) के नेतृत्व ने हस्तक्षेप कर और इलाथुर में आम सहमति बनाई. कांग्रेस के बागी नेता यूवी दिनेश मणि और सानिल राशी को समझा बुझाकर उनका नामांकन वापस कराया.
केएनसी को सीट देने से कांग्रेस सांसद नाराज
वहीं, कांग्रेस द्वारा इलाथुर सीट अपने नए सहयोगी मणि सी कप्पन की राष्ट्रवादी कांग्रेस केरल (NCK) को आवंटित करने का भी विरोध किया गया था. विरोध करने वाले में कांग्रेस के कोझिकोड के सांसद एम के राघवन भी शामिल थे. उन्होंने पार्टी के फैसले को बहुत अपरिपक्व बताते हुए कहा था कि केरल की स्थिति का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद ही ऐसा निर्णय लिया जाना चाहिए. दूसरी तरफ हरिपद विधानसभा क्षेत्र से युवा कांग्रेस नेता नियास भारती कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला के खिलाफ लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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