तिरुवनंतपुरम : केरल में लव जिहाद का मामला लंबे समय से सुर्खियों में बना हुआ है. हाल ही में एक बिशप ने 'नारकोटिक्स लव जिहाद' का मुद्दा उठाया था. सायरो मालाबार चर्च पाला बिशप जोसेफ कल्लारंगत (Pala Bishop Mar Joseph Kallarangatt) ने दावा किया था कि राज्य की ईसाई लड़कियों को नारकोटिक्स जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है.
अब इससे जुड़ा एक और मामला सामने आया है. कोझिकोड के एक अन्य चर्च ने ईसाई लड़कियों को फंसाने के लिए कथित 'लव जिहाद' का सहारा लेने का मुद्दा उठाया है. चर्च ने कथित 'लव जिहाद' को लेकर एक हैंडबुक प्रकाशित की है, जिसमें ईसाई लड़कियों को फंसाने के लिए कथित 'लव जिहाद' के नौ चरणों का जिक्र किया गया है.
इस हैंडबुक पर विवाद हो गया है. प्रसिद्ध साइरो मालाबार चर्च के अधीन आने वाले थमारासेरी डायोसी (Thamarassery Diocese) ने 10वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के कैटिज़्म अध्ययन (catechism study) के लिए विवादास्पद सामग्री के साथ पुस्तक प्रकाशित की है. जिसमें कथित लव जिहाद का जिक्र किया गया है.
कई मुस्लिम संगठनों के विरोध और सरकार से पुस्तिका को जब्त किए जाने की मांग के बाद चर्च के अधिकारियों ने बुधवार को खेद व्यक्त किया. चर्च के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है तथा पुस्तिका केवल ईसाई धर्म से जुड़े युवाओं पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य केवल युवाओं को ईसाई धर्म में जोड़े रखना था.
बयान में कहा गया है कि जिले के चर्चों के प्रमुख डायोसी (The Diocese) किसी भी धर्म या संप्रदाय के प्रति कोई भेदभाव या असहिष्णुता नहीं रखते.
डायोसी के तहत ईसाई धर्म विभाग के निदेशक जॉन पल्लीकाव्यालिल ने कहा, 'यह किताब किसी धर्म या पंथ के प्रति घृणा के उद्देश्य से प्रकाशित नहीं की गई है और केवल समुदाय की लड़कियों को शोषण से बचाने के लिए है.'
पुस्तिका 130 पन्नों की है जिसमें कहा गया है कि 'लव जिहाद' एक हकीकत है और इसे नौ चरणों में क्रियान्वित किया जा रहा है. इसमें कथित लव जिहाद में फंसने से बचने के लिए ईसाई समुदाय की लड़कियों के लिए कुछ उपाय भी सुझाए गए हैं.