कोच्चि (केरल) : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने अभिनेता दिलीप और अन्य को 2017 में एक अभिनेत्री के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले (actress sexual assault case) की जांच कर रहे अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचने के मामले में सोमवार को सशर्त अग्रिम जमानत (anticipatory bail with conditions to actor Dileep) दी. जस्टिस गोपीनाथ पी. ने अभिनेता को जमानत देते हुए कहा कि पुलिस से असहयोग की आशंकाओं और गवाहों को प्रभावित करने की शंकाओं से निपटा जा सकता है. यदि उनका (जमानत की शर्तों का) उल्लंघन किया जाता है, तो अग्रिम जमानत देने के बावजूद आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए याचिका दायर की जा सकती है.
अदालत ने अभिनेता दिलीप और अन्य आरोपियों को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने, दो लाख रुपये और समान राशि के दो जमानती तथा प्रतिवादियों को जांच में सहयोग करने व गवाहों को प्रभावित नहीं करने या जांच में हस्तक्षेप नहीं करने की शर्त पर जमानत दी है.
पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि दिलीप और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज एक नई प्राथमिकी (FIR against actor Dileep and other accused) के तहत की जा रही जांच में आरोपी सहयोग नहीं कर रहे हैं. हालांकि, अभिनेता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मामला मनगढ़ंत है और इसमें झूठे दावे किए गए हैं. मामले के अन्य आरोपी दिलीप के भाई अनूप, बहनोई टीएन सूरज, रिश्तेदार अप्पू, दोस्त बैजू चेंगमनाद और शरत हैं.
पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अभियोजन महानिदेशक टीए शाजी और अतिरिक्त लोक अभियोजक पी. नारायणन ने अदालत से कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता व प्रकृति तथा उनका आचरण उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान करने के योग्य नहीं है. वहीं, अभिनेता ने दावा किया था कि उसने और अन्य ने तीन दिन के दौरान रोजाना 11 घंटे चली लंबी पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया और केवल स्वीकारोक्ति देने से इनकार कर दिया, जिसे सहयोग नहीं करने के तौर पर लिया जा रहा है.