मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने की घोषणा की आलोचना हो रही है, लेकिन इसे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के मद्देनजर उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के आधार को कमजोर करने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है. दही हांडी को खेल का दर्जा दिए जाने से इसमें भाग लेने वाले 'गोविंदा' कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर पाएंगे. कार्यकर्ताओं और राजनीतिक टिप्पणीकारों ने शुक्रवार को इस कदम की आलोचना की जबकि राजनीतिक दलों ने इस पर चुप्पी साध रखी है.shinde lures dahi handi govinda.
इस फैसले ने शिवसेना के ठाकरे गुट को असमंजस में डाल दिया है क्योंकि गोविंदा की टोली में मुख्य रूप से निम्न मध्यम वर्ग के मराठी भाषी युवा होते हैं और यह समुदाय पार्टी के समर्थन का पारंपरिक आधार रहा है. पड़ोसी ठाणे जिले में शिवसेना के एक आम कार्यकर्ता के तौर पर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले शिंदे ने इस साल ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी और ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस सरकार को गिरा दिया था.
इसके बाद शिंदे शिवसेना के बागी विधायकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से मुख्यमंत्री बने. देश के सबसे अमीर नगर निगम बीएमसी का आगामी चुनाव उद्धव ठाकरे नीत गुट के लिए 'करो या मरो' का मुकाबला होगा. शिवसेना कई वर्षों से बीएमसी में सत्ता में हैं. दही हांडी के दौरान दही से भरी मटकी हवा में लटकाई जाती है और मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ा जाता है. महाराष्ट्र में यह कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
बड़े शहरों, खासतौर से मुंबई और ठाणे में दही हांडी उत्सव नेताओं का ध्यान आकर्षित करते हैं ताकि वे वहां अपना आधार जमा सकें. एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, 'गोविंदा किसी इलाके में अपना प्रभाव जमाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के लिए एक संपत्ति है. आर्थिक रूप से, किसी भी नेता या पार्टी के लिए उन्हें निधि देना कोई महंगा सौदा नहीं है. वे चुनाव के वक्त उनके काम आते हैं. लंबे समय से शिवसेना ने अपनी विश्वसनीयता बरकरार रखी है और इसलिए गली-कूचों की राजनीति में उसका वर्चस्व बरकरार है.' (cm eknath shinde dahi handi).
उन्होंने कहा, 'गोविंदाओं की टोलियों और गणेश मंडलों के एक व्यापक नेटवर्क ने शिवसेना को मुंबई तथा ठाणे में अपना प्रभाव बनाए रखने में मदद की है.' इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिंदे की गोविंदाओं को लुभाने की कोशिश ने उद्धव ठाकरे गुट के लिए खतरा पैदा कर दिया है. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के मुंबई से एक विधायक ने कहा, 'उन्हें चिकित्सा (बीमा) सुरक्षा मिल रही है और खेल कोटे के जरिए सरकारी नौकरियों का प्रलोभन भी उन्हें दिया जा रहा है.' (dahi handi sports).