पुणे : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) महाराष्ट्र में अपना विस्तार करने की कोशिश कर रही है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा कि इससे पहले मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी राज्य में पैर जमाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सके. पवार ने कहा कि राव शायद तेलंगाना के बाहर बीआरएस का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वह एक राष्ट्रीय नेता बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल अपने गृह राज्यों के बाहर खुद को मजबूत कर सकते हैं.
पवार ने कहा, "तेलंगाना के मुख्यमंत्री अब महाराष्ट्र में पैर जमाना चाहते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के रूप में मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी यहां अपने दलों का विस्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें अपेक्षित परिणाम नहीं मिले." महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि निस्संदेह (बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी से) कुछ विधायक निर्वाचित हुए. उन्होंने कहा, "राव तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं लेकिन यहां महाराष्ट्र में उनकी पार्टी का काम कौन देखेगा? राकांपा और अन्य दलों के कुछ नेता बीआरएस में शामिल हो रहे हैं, लेकिन यह इस चिंता से हो रहा है कि महा विकास आघाडी (एमवीए) में गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा शिवसेना के बीच गठबंधन के कारण उन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिल सकता है." पवार ने महाराष्ट्र में बीआरएस के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए जाने और टीवी विज्ञापनों पर होने वाले खर्च पर भी सवाल उठाया.
बता दें कि केसीआर के नाम से मशहूर राव ने हाल ही में महाराष्ट्र के नांदेड़ में रैली की और केंद्र तथा राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर किसानों और दलितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. बीआरएस ने पिछले महीने पश्चिमी राज्य में पार्टी समितियां बनाने का अभियान शुरू किया था. केसीआर की पार्टी बीआरएस ने दावा किया है कि उसने महाराष्ट्र में 15000 गांवों से करीब साढ़े तीन लाख लोगों को पार्टी में शामिल किया है.