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परीक्षा में नकल रोकने संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान रो पड़े कटारिया...

सार्वजनिक भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए (Discussion on Bill to Stop Copying in Rajasthan Assembly) विधानसभा में लाए विधेयक पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू निकल गए. कटारिया एक बार नहीं, बल्कि संबोधन के दौरान तीन बार भावुक हुए.

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Published : Mar 25, 2022, 11:01 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को परीक्षा में नकल रोकने संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू निकल गए. गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कटारिया ने कहा कि रीट पेपर लीक के बाद (REET Paper Leak Case) प्रदेश सरकार यह विधेयक लाकर केवल खुद को बरी करना चाहती है. लेकिन कानून तो पहले भी बना था, उसमें कितने लोगों को सजा हुई, सरकार यह बता दे.

कटारिया ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में नकल का पूरा गिरोह (Gulab Chand Kataria Big Statement in Rajasthan Vidhan Sabha) पनप गया है और उसमें राजनेताओं का गठजोड़ भी है. कटारिया ने सवाल खड़ा किया कि इस संबंध में 1992 में जब कानून बना है, तब उसे निरस्त किए बिना नया कानून बनाने का क्या औचित्य है. अब नया कानून लागू होने के बाद आरोपियों पर किस कानून के तहत कार्रवाई होगी, क्योंकि दो कानून वर्तमान में रहेंगे.

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में एक गरीब घर का बच्चा ऐसा भी है जो बड़ी मुश्किल से पढ़ता है. अपने घर में बूढ़े मां-बाप को भूखे रखकर पढ़ता है और उसके बाद परीक्षा देने जाता है तो रोते हुए (Kataria Got Emotional in Rajasthan Assembly) घर लौटता है. क्या दुख नहीं होता, हम लोगों के मन में रहम नहीं है. यह कहते-कहते गुलाबचंद कटारिया की आंखों से आंसू निकल गए. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आखिर उस बच्चे का क्या होगा, जो इस पीड़ा के साथ पढ़ रहा है. आपने इन सारे पैसे वाले लोगों के पास सारी सरकारी नौकरियों को बेच दिया.

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कटारिया ने कहा कि मैं बहुत कड़वा सच बोल रहा हूं. पिछले 8 साल में जो नौकरियों में लगे हैं, उनका भी पोस्टमार्टम करवा लें. उसमें आधा फर्जी मामला निकलेगा. कटारिया ने कहा कि आखिर उस बच्चे के दर्द को कौन जानेगा. कोई सोचने वाला है. वो बच्चा रात-दिन पढ़ता है, भूखा-प्यासा पढ़ता है, खेत और घर को बेचकर पड़ता है और जब उसका सेलेक्शन नहीं होता है तो जहर खाकर मरता है. लेकिन कोई इस पीड़ा को समझने को तैयार नहीं है और हम इस कानून को लाकर (Rajasthan Assembly Session 2022) दुनिया को बताना चाह रहे हैं कि हमने इतना बड़ा काम कर दिया. लेकिन इस कानून से कुछ नहीं होगा, मैं यह आपको बताना चाह रहा हूं.

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