श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी (the winter capital of Jammu Kashmir) में प्रवासी कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) ने आज अपनी मांगों के समर्थन में जम्मू राहत आयुक्त (Jammu Relief Commissioner ) के कार्यालय के बाहर धरना दिया.
प्रदर्शनकारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि सरकार ने पंडितों की समस्याओं का समाधान नहीं रखा है, जिससे उनकी समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं.
उनके मुताबिक सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों को दी जाने वाली राहत को अब सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद रोक दिया है.
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़कर जम्मू में शरण लेनी पड़ी, जिससे वे बेघर हो गए और अब सरकार द्वारा उन्हें दी जाने वाली मासिक राहत भी रोक दी गई है.
कश्मीरी पंडितों ने राहत आयुक्त कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन उनका आरोप है कि प्रशासन अब उन्हें मुहाजिरों के रूप में मान्यता देने से इनकार कर रहा है और उन्हें विरोध करने के लिए मजबूर कर रहा है.
भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, 'वे सिर्फ भाषण देकर चले जाते हैं, लेकिन हमारी समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.'
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उन्होंने आगे कहा कि जम्मू में रहने वाले पंडितों के पुनर्वास और उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में प्रशासन से कई बार संपर्क किया गया और कई बार विरोध भी दर्ज कराया गया. लेकिन हर बार जायज मांगों की अनदेखी की गई.
उन्होंने एलजी प्रशासन से कश्मीरी पंडितों के लिए मासिक राहत बढ़ाने और बेरोजगार परिवारों को सरकारी नौकरी देने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की.