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बीमार कश्मीरी व्यवसायी ज़हूर वटाली जेल से बाहर आया, नज़रबंदी में होगा इलाज - कश्मीरी कारोबारी ज़हूर अहमद शाह वटाली

आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency (NIA)) द्वारा 2017 में गिरफ्तार किए गए बीमार कश्मीरी कारोबारी ज़हूर अहमद शाह वटाली (Kashmiri businessman Zahoor Ahmed Shah Watali) जेल से बाहर आ गया है. उसे नजरबंद (Under House Arrest) रख उसका इलाज कराया जाएगा. एनआईए ने अगस्त 2017 में वटाली को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

Kashmiri businessman Zahoor Watali comes out of jail
बीमार कश्मीरी व्यवसायी ज़हूर वटाली जेल से बाहर आया

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Published : Feb 20, 2022, 8:52 PM IST

नई दिल्ली:आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency (NIA)) द्वारा 2017 में गिरफ्तार किए गए बीमार कश्मीरी कारोबारी ज़हूर अहमद शाह वटाली (Kashmiri businessman Zahoor Ahmed Shah Watali) जेल से बाहर आ गया है. उसे नजरबंद (Under House Arrest) रख उसका इलाज कराया जाएगा.

इस महीने की शुरुआत में एनआईए की विशेष अदालत (Special Court Of NIA) ने नियमित ज़मानत के लिए वटाली के आवेदन (Application For Regular Bail) को खारिज कर दिया था. लेकिन उसकी बीमारी को देखते हुए लचीला रुख अपनाते हुए घर से इलाज कराने की इजाजत दी थी. इस दौरान वह न्यायिक हिरासत में रहेगा.

एक निजी अस्पताल और एम्स के डॉक्टरों की सलाह पर विचार करते हुए एनआईए की अदालत ने कहा था कि वटाली की ज़मानत अर्जी खारिज करने के योग्य है, क्योंकि इसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया है.

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अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक वटाली एक घर में जा सकते हैं जहां से उसे अपने इलाज के लिए अस्पताल व जांच के लिए प्रयोगशाला जाने की इजाज़त (Can Go To Hospital and Laboratory) होगी. अदालत ने आदेश में कहा कि आरोपी के नजरबंदी के दौरान उसके करीबी रिश्तेदारों और वकील के अलावा किसी को भी मिलने की इजाजत नहीं होगी.

अदालत ने कहा कि आरोपी बुजुर्ग है और उसके स्वास्थ्य की स्थिति अस्थिर है. जहूर को तत्काल इलाज और दैनिक गतिविधियों में मदद की ज़रूरत है, जिसके लिए उसका जेल से बाहर आना ज़रूरी है.

न्यायधीश ने कहा कि लेकिन अपराध की गंभीरता मुझे नियमित ज़मानत देने से रोकती है. इस प्रकार, मुझे लगता है कि यह आरोपी को तत्काल जेल से निकालने और घर में नजरबंद करने के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का एक उपयुक्त मामला है.

आरोपी के वकील ने नजरबंदी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के पोते-पोतियों को उसके हिरासत में होने की जानकारी नहीं है और वे उसे लेकर विपरीत राय बना सकते हैं. एनआईए ने अगस्त 2017 में वटाली को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

(पीटीआई)

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