बांदीपोरा : कश्मीर बदल रहा है. जम्मू और कश्मीर में हाल ही में संपन्न जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों और परिणाम में यह नजर आ रहा है. आम कश्मीरियों ने पहली बार चुनाव लड़ा और लोकतंत्र की ताकत को समझा. इस चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने मतदान लिया. काफी संख्या में महिलाओं ने चुनाव भी लड़ा और जीत कर आईं. इन्हीं में से एक हैं फरवा इब्राहिम. फरवा राजनीति की जगह विकास की बातें करतीं हैं.
स्नातक की पढ़ाई कर रही फरवा इब्राहिम
डीडीसी चुनाव में सरकार ने कुछ सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर रखा था. उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के दूर-दराज के इलाके से ताल्लुक रखने वाली 23 साल की फरवा इब्राहिम डीडीसी चुनाव में विजेता बनीं हैं. स्नातक की पढ़ाई कर रही फरवा ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 1971 मतों से हराया. जम्मू-कश्मीर में सबसे कम उम्र की डीडीसी सदस्य फरवा एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ीं. बांदीपोरा के सोनवारी क्षेत्र में स्थित नाउगाम गांव की स्थिति ने फरवा को स्थानीय चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया. फरवा नाउगाम गांव की ही रहने वाली हैं. शुरुआत में अपनी शिक्षा के कारण चुनाव लड़ने से अनिच्छुक फरवा ने गांव के बुजुर्गों से बहुत विचार-विमर्श के बाद महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए चुनाव लड़ा.