श्रीनगर: अनुच्छेद 370 के निरस्त (removal of Article 370) होने के बाद जम्मू और कश्मीर में स्थिति सामान्य होती दिख रही है. देश भर के निवेशक कश्मीर में व्यवसाय स्थापित करने के लिए अधिक इच्छुक हैं. कश्मीर घाटी में जमीन की तलाश करने वाले 75 प्रतिशत निवेशकों का प्रतिनिधित्व देश भर से उद्योग और वाणिज्य विभाग को भेजे गए निवेश प्रस्तावों द्वारा किया जाता है (Jammu-Kashmir became choice of investors).
जम्मू और कश्मीर सरकार के एक शीर्ष अधिकारी का दावा है कि केंद्र शासित प्रदेश को नई औद्योगिक इकाइयों के लिए लगभग 50,000 कनाल भूमि के अनुरोध प्राप्त हुए हैं. 'इसमें कई निवेशकों ने बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के लिए 100 से 200 कनाल या उससे अधिक जमीन पर औद्योगिक इकाइयां लगाने का प्रस्ताव दिया है.'
अधिकारी के अनुसार, मई के महीने तक उद्योग और वाणिज्य विभाग को प्राप्त 5,808 आवेदनों में से सिर्फ 1,477 आवेदन जम्मू प्रांत में जमीन खरीदने के इच्छुक निवेशकों द्वारा जमा किए गए थे. शेष 75 प्रतिशत कश्मीर में रुचि रखने वाले निवेशकों द्वारा प्रस्तुत किए गए थे. जम्मू के कठुआ जिले में बहुसंख्यक नई औद्योगिक इकाइयां केंद्रित हैं.
उन्होंने कहा कि, 'जम्मू और उधमपुर में नई जमीनों की पहचान की जा रही है.' उन्होंने कहा कि 'कश्मीर प्रांत के खानमोह, गांदरबल, बांदीपोरा और अन्य क्षेत्रों में जमीन की पहचान की जा रही है. बुर्ज खलीफा के बिल्डर, दुबई के एमार ग्रुप ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह जम्मू-कश्मीर में 500 करोड़ रुपये खर्च करेगा.'