वाराणसीः काशी में वेदांत पांडे की उम्र महज 17 साल है. उन्हें लोग छोटा खगोलशास्त्री कहते हैं. इसके अलावा उन्हें एस्ट्रोनॉमर ब्वॉय के नाम से भी जाना जाता है. वेदांत की चर्चा बनारस से लेकर कनाडा तक है. वेदांत कक्षा 11वीं के छात्र हैं. वे ह्यूमैनिटी से अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, लेकिन अगर आप वेदांत के कारनामों की लिस्ट देखेंगे, तो आप भी हैरान हुए बिना नहीं रह सकेंगे.
दरअसल, वेदांत ने खगोलीय घटनाओं की ऐसी अद्भुत तस्वीरें खींची हैं, जो हर किसी को हैरत में डाल देती हैं. वेदांत की खींची लूनर इंपैक्ट की अनोखी तस्वीर को कनाडा के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भी मंजूरी दी है. वह देश का पहला ऐसा खगोलशास्त्री भी है, जिसने ऐसी अद्भुत तस्वीर अपने टेलीस्कोप से खींची है. वेदांत ने चांद की सबसे बड़ी और स्पष्ट तस्वीर खींचने का खिताब भी अपने नाम किया है. वेदांत ने ईटीवी भारत को बताया, 'मैंने इसकी शुरुआत फोटोग्राफी के तौर पर साल 2021 में की थी. बचपन से ही मेरी रुचि इस क्षेत्र में रही है. मैं बचपन से ही एस्ट्रोनॉमर बनना चाहता था. एस्ट्रोफोटोग्राफी करना चाहता था. मैं इसे भारत में लोगों तक फैलाना चाहता हूं, जिससे लोगों को पता चल सके कि हम एस्ट्रोफोटोग्राफी हम इंडिया में भी रहकर कर सकते हैं.'
गैलेक्सी सहित कई खगोलीय घटनाओं की ली तस्वीरःवेदांत ने बताया,'मैंने तरह-तरह के प्लैनेट्स, मिल्कीवे गैलेक्सी और एंड्रोमेटा गैलेक्सी के फोटोज लिए हैं. इसके साथ ही ब्रह्माण्ड में जितने भी गैलेक्सी हैं, उनके जो अलग-अलग नए कॉमिक्स आते हैं उनके लिए मैंने फोटोज निकाले हैं. इसके साथ ही चांद-तारों की तस्वीरें मैं लेता रहता हूं. दिल्ली से मैंने साल 2021 के अंत में अपना टेलीस्कोप खरीदा था. 'मई महीने में मैंने लूनर इम्पैक्ट की तस्वीर ली थी, जिसे विदेशों में भी खूब वायरल किया गया था.' ईटीवी से बातचीत के दौरान वेदांत ने बताया कि उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ये सारे काम किए हैं.'
कनाडा के वैज्ञानिक ने लूनर इम्पैक्ट को किया कंफर्मःबता दें किवेदांत ने लूनर इम्पैक्ट की जो तस्वीर ली. उसे भारत में पहली बार किसी ने खींचा है. इस बारे में वेदांत बताते हैं, 'जिस तरह से हमारी धरती पर उल्कापिण्ड की बारिश होती है. वैसे ही वहां पर भी होती है, लेकिन हमारी धरती पर गिरने से पहले ही ये सब जल जाते हैं. वहां पर ये उल्कापिण्ड गिरने के बाद जलते नहीं है, बल्कि धमाका करते हैं, जिससे वहां पर ज्वालामुखी छिद्रों का जन्म होता है. उसका भी मैंने इमेज निकाला था, उस तस्वीर को कनैडियन वैज्ञानिक के साथ ही बहुत सारे लोगों ने कंफर्म किया था कि यह एक लूनर इंपैक्ट है.'