वाराणसी:श्री काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन को लेकर दायर याचिका पर सिविल कोर्ट ने जिला प्रशासन को वीडियोग्राफी कराए जाने का आदेश दिया था. जिसपर जिला प्रशासन ने कोर्ट में वीडियोग्राफी व अन्य जांच अधिवक्ता कमिश्नर के नेतृत्व में कराए जाने के प्रकरण में एक प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से चीजें स्पष्ट करने की अपील की थी. जिला प्रशासन की तरफ से दी गई याचिका में यह कहा गया कि वीडियोग्राफी कितने क्षेत्र की होनी है. वीडियोग्राफी में क्या चीजें शामिल होनी चाहिए, इन सभी चीजों को कानून-व्यवस्था के मद्देनजर दृष्टिगत रखते हुए जल्द से जल्द स्पष्ट कर दिया जाए तो कार्य करने में सहूलियत होगी.
दरअसल, ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने व परिसर स्थित अन्य देवी- देवताओं के विग्रहों के बारे में मौके की वस्तुस्थिति जानने को कोर्ट ने 8 अप्रैल को अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त किया था. इस मामले में जिला और पुलिस प्रशासन की ओर से सोमवार को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया गया था. इस पत्र में यह पूछा गया कि न्यायलय यह स्पष्ट करे कि कमीशन की कार्रवाई में कितने लोग रहेंगे और कमीशन को किस-किस स्थल अथवा किस चिन्हित स्थान पर वीडियोग्राफी करना है. प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि चूंकि यह मामला बहुत संवेदनशील है और इससे कानून-व्यवस्था भी जुड़ी है. इसलिए इस पर शीघ्र सुनवाई की जाए. कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र पर वादी पक्ष से आपत्ति मांगते हुए 20 अप्रैल को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है.
बता दें की सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने श्रृंगार गौरी व अन्य विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए अजय कुमार एडवोकेट को अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त किया है. कोर्ट ने अधिवक्ता कमिश्नर को आदेश दिया है कि दोनों पक्षों की उपस्थिति में मौके की आख्या तैयार कर 20 अप्रैल तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें. साथ ही यह भी कहा गया कि वह पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी तैयार करवाए, यदि अधिवक्ता कमिश्नर को कमीशन की कार्यवाही संपादित करने में पुलिस बल की सहायता अपेक्षित है तो वह पुलिस बल की सहायता प्राप्त करेंगे और संबंधित पुलिस अधिकारी कार्यवाही में उनकी मदद करेंगे.