वाराणसी :देव दीपावली के लिए काशी सज गई है. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती अब से कुछ देर बाद शुरू होगी. इस महाआरती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे. सीएम योगी ने वाराणसी के नमो घाट पर दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दिव्य आयोजन में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ देश-विदेश से आए मेहमान भी शामिल हुए. काशी के घाट करीब 12 लाख दीपों की आभा से जगमग हो उठे.
70 देशों के राजदूत बने भव्य आयोजन के साक्षी
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने विदेशी मेहमानों के साथ क्रूज पर बैठकर काशी के सभी गंगा घाटों पर जलाए गए दीपमालाओं का अवलोकन किया. नमो घाट पर विदेशी मेहमानों ने मुख्यमंत्री के साथ फोटो भी खिंचवाई. देव दीपावली की पहचान अब प्रदेश के मेले के रूप में हैं. प्रदेश सरकार ने देवताओं के उत्सव देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित कर दिया है. घाटों पर देव दीपावली के आयोजन के लिए सजाने और संवारने का कार्य भव्य तरीके से किया गया. इस बार घाटों पर सजने वाली दीपमाला के साक्षी 70 देशों के राजदूत के साथ ही 150 विदेशी डेलीगेट्स भी बने. इसमें इंडोनेशिया, इटली, चीन, पोलैंड, रूस, नेपाल, भूटान, ग्रीस समेत अन्य देशों के राजदूत, उच्चायुक्त व शीर्ष अधिकारी शामिल हैं.
विदेशी मेहमानों का भव्य स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया. सीएम के साथ सभी मेहमान देव दीपावली के अविस्मरणीय पलों के साक्षी बने. मेहमानों ने क्रूज़ पर सवार होकर देव दीपावली के भव्य नज़ारे को कैमरे में कैद किया. इससे पूर्व भारतीय परंपरानुसार एयरपोर्ट पर मेहमानों का स्वागत किया गया. वहीं एयरपोर्ट समेत विभिन्न स्थानों पर लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए. स्वागत के लिए रास्तों और चौराहों को सजाया गया है.
लोग बोले अद्भुत हैं ये नजारा
देव दीपावली पर बनारस ऐसा लग रहा था मानो सारे देवता काशी में पधारे हों और सितारे मां गंगा की गोद में उनके स्वागत में उतर आए हों. जो भी आज बनारस पहुंचा है, वह बस काशी की चमक को देखता ही रह गया. ऐसा उत्सव जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग दौड़े चले आए हैं. एक ऐसा आकर्षण जिसे निहारने को हर कोई बेताब दिखा. घाटों के किनारों पर गंगा की लहरें ऐसी थीं कि जैसे आज किसी के आने की खुशी है. फिर शाम होते-होते वह पल आ ही गया. घाटों पर वह मनमोहक दृश्य देखने को मिला, जिसकी गवाही सुबह से यहां के घाट दे रहे थे. एक-एक करते लाखों की संख्या में पर्यटक बनारस के घाटों पर पहुंचने लगे और एक खूबसूरत महौल बन गया. हर तरफ लाइटें, झालर और दीये. हर कोई अपने घरों से तैयार होकर पहुंचा था मानो आज अपने घर का कोई उत्सव हो.
'काशी में देखने को मिले अयोध्या के रूप'
बीएचयू की एक छात्रा के शब्दों में- 'काशी की देव दीपावली विश्व प्रसिद्ध है. इसके बारे में सुनने में काफी अच्छा लगता था. जब हमें पहली बार इसे देखने का मौका मिला है तो हमें काफी अच्छा लग रहा है. आज यहां का आकर्षण काफी अलग लग रहा है. हम हम सुनते रहते हैं कि जब भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे तो दीये जलाकर उनका स्वागत किया गया था. वैसा ही एक आकर्षण मैं आज यहां महसूस कर पा रही हूं.'
घाटों पर 12 लाख दीयों के जलने के साथ ही उत्सव की शुरुआत हो गई. उत्तरवाहिनी गंगा के 85 घाटों पर 12 लाख दीये ऐसे जल रहे थे मानो तारे टिमटिमा रहे हों. ऐसा अलौकिक दृश्य जिसे हर कोई देखने को बेताब था. काशी के घाटों, कुंडों, तालाबों और सरोवरों पर दीये जलाए गए. इन दीयों के जलने के साथ ही पूरी काशी जगमग हो उठी. गंगा के उस पार रेती पर भी दीप श्रृंखला बनाई गई.
काशी के आसमान में लेजर शो के दौरान गजब का नजारा देखने को मिला. घाटों पर 3D लेजर शो इतना शानदार था कि हर कोई उसे देखकर मंत्रमुग्ध हो गया. घाट की दीवारें उस समय जीवंत हो उठीं जब लेजर शो के माध्यम से उन दीवारों पर मंत्रों को दिखाया गया. पांडे घाट का नजारा कुछ ऐसा था कि हर कोई एक बार उसे देख लेना चाह रहा था. यहां पर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को 11,000 दीयो से उकेरा गया था. दीयों से ही श्री राम लिखा गया था. घाटों पर रंगोली के बीच में दीयों को जलाकर प्रभु राम के चित्रों को जीवंत किया गया. प्रभु घाट पर भगवान राम और माता सीता की रंगोली आकृति बनाई गई.
तस्वीरों में देखिए बनारस की देव दीपावली की भव्यता
वाराणसी में आज धरती पर जैसे स्वर्ग उतर आया हो. हर तरफ दीपों की रोशनी से अंधेरा कहीं गायब हो गया. गंगा घाट से लेकर कुंड तालाब और मंदिरों तक हर जगह सिर्फ रोशनी ही रोशनी थी. 12 लाख से ज्यादा दिनों की रोशनी से बनारस की सुंदरता और भव्यता और भी निखरकर सामने आई. तस्वीरों में आप भी देखिए किस तरह से बनारस में देव दीपावली का यह महापर्व मनाया गया.